माँ,डाक्टर, वकील , गुरु को बतायें !
चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में विराजमान दिगम्बर जैन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा की आज विज्ञान ब्रह्माण्ड की खोज कर रहा है | हर बात में विस्फोट करता है | कई लोगो ने समर्थन भी दिया है | पृथ्वी की रचना भगवान् ने कैसे की है यह खोज की है 27 किलोमीटर की सुरंग में की है खोज लेकिन हमें तो नहीं लगता है की यह ठीक है | योग्य का ग्रहण ही अयोग्य को त्याग है | थेओरी तो ज्यादा पढते हैं लेकिन प्रेक्टिकल (प्रयोग) नहीं करते हैं | रोटी में नज़र न लग जाये इसलिए काले धब्बे हैं ऐसा एक व्यक्ति ने कहा अपनी बात छुपाने के लिए कहा की तिल जैसा है | प्रयोग के अभाव में आस्था का विकास नहीं हो पा रहा है | “मूकमाटी” की बाते कई लोगों को अच्छी लग रही है | अपने किये हुए दोषों की आलोचना अपने गुरु के सामने करना चाहिये | एक व्यक्ति ने कहा था की माँ,डाक्टर, वकील , गुरु को अपनी बात सही नहीं बताओगे तो आपकी समस्या का हल नहीं होगा , उपचारक भी ठीक होना चाहिये | अनंत बार अकाल मरण हुआ है जीवों का | माया और झूट सगी सहेली है, एक – दूसरे के समकक्ष रहती है | सिंथेटिक दूध से लीवर, दिल आदि के रोग होते हैं, यह मायाचार है | आज फास्ट लाइफ, फास्ट फ़ूड, फास्ट डेथ का जीवन चल रहा है |
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