शरीर गंदगी की फैक्ट्री है !
चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा की शरीर गंदगी की फैक्ट्री है, बड़े – बड़े डाक्टर, भी शरीर को देखकर कुछ नहीं कर पाते उसको शुद्ध नहीं कर सकते | कर्म को एक्सरे और फोटो ग्राफी से भी नहीं पकड़ सकते| पुलिस रक्षा भी करती है और अपराधी को पकडती भी है ऐसे ही कर्म द्विमुखी होते हैं | विज्ञान भी मानता है 50 वर्ष के बाद मीठा, नमक लेने की आवशयकता नहीं रहती है, अपने आप शरीर से मिलते हैं रस | यह शरीर जन्म मरण से युक्त , असार, अपवित्र, कृतघ्न, भार रूप रोगों का घर है | दुखदायी शरीर से क्या लाभ ऐसा विचार साधू शरीर से निस्पृह होकर चिंतन करते हैं | जो श्रमण आत्मा में रमण करता है वह कालजयी बन जाता है |
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