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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
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सल्लेखना समपन्न

परम पूज्य संत शिरोमणि मेरे गुरुवर मेरे भगवान जी आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज जी के ससंघ के मंगल सानिध्य में रात्रि 1 बजकर 36 मिनिट पर निर्यापक श्रमण पूज्य मुनि श्री 108 योग सागर जी महाराज जी और मुनि श्री निस्सीम सागर जी महाराज जी के मुख से णमोकार मन्त्र सुनते हुए परम वंदनीय 10 प्रतिमाधारी आदरणीय दादाजी ब्रह्मचारी भगवान दास जी का उत्कृष्ट समता पूर्वक यम संलेखना से समाधीमरण ज्ञानोदय त्यागीवर्त्ति आश्रम नेमावर जी हुआ  आदरणीय ब्रह्मचारी दादा जी 25 अप्रैल महावीर जयंती से संलेखना रत थे उन्होंने

समाधि सूचना

*पूज्य गुरुदेव की सुयोग्य शिष्या ब्र.रचना दीदी की समाधि की खबर जिन शासन की अपूर्णनीय क्षति है।पूज्य गुरुदेव की आज्ञा पथ पर चलते प्रतिभास्थली में अध्यापन का कार्य भी कर रही थी।निश्चित तौर पर भव्यात्मा  थी जिन्हें अंतिम समय में देव शास्त्र गुरु का सान्निध्य मिला।हम सभी भी ऐसी ही भावना भाए कि हमारा भी समाधिमरण देव,शास्त्र,गुरु के सान्निध्य में ही हो।  

समाधि सूचना

क्षुल्लक 105 श्री आल्हादसागर की महाराज जी की समाधि सांय 4 50 पर डोंगरगढ़ में हुई     🙏समाधि मरण सूचना 🙏 अपडेट न्युज डोंगरगढ तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी डोंगरगढ़ की पावन पुण्यधरोवर में समाधिमरण प्राप्त     संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज के कर कमलों से तीर्थ क्षेत्र चन्द्रगिरी डोंगरगढ़,(छ.ग) में बारामती, महाराष्ट्र के निवासी 98 वर्षीय ब्र.वालचंद काका संघवी(दशम प्रतिमाधारी आल्हादसागर जी) की क्षुल्लक दीक्षा सम्पन्न हुई थी क्षुल्लक श्री अल्हाद सागरजी मह

व्रती 92 वर्षीय प्रेमचंद जैन कुप्पी वाले छतरपुर (म.प्र. ) की समाधि संपन्न

व्रती 92 वर्षीय प्रेमचंद जैन कुप्पी वाले छतरपुर (म.प्र. ) की समाधि संपन्न चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़)। विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के  सान्निध्य में सप्तम प्रतिभाधारी श्री प्रेमचंद जी (छत्तरपुर 7.प्र.) की सल्लेखना   आज 19अगस्त  शनिवार प्रातः 7 बजकर 21 मिनिट पर महामंत्र जप करते हुए संपन्न हुई। सातूत्य हो कि छतरपुर वाले विगत 15 दिन पूर्व गुरुदेव के  चरणों में पहुंचे थे व सल्लेखना की प्रार्थना की। गुरुकृपा से उन्होने इस मृत्यु महोत्सव को प्राप्त किया 10  निर्ज
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