• संयम स्वर्ण महोत्सव -५० वाँ
विद्याधर से विद्यासागर बने ज्योतिपुंज को साष्टांग नमन* जैनत्व के क्षितिज पर ध्रुव तारे की तरह देदीप्यमान ,संतो को जन्म देने वाले संतशिरोमणि , कुंडलपुर वाले छोटे बाबा और 21वीं सदी के जैनियो के बड़े बाबा , मुकमाटी के रचयिता, दिगम्बरत्व के सर्वोच्च, जिन्हें सभी *आचार्यश्री* के नाम से ही पहचान जातें है । जिनकी उपमा में पूरा ब्रह्माण्ड भी सूक्ष्म नजर आता है जब वो चलते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे कोई तेज पुंज जा रहा हो जिसकी आभा से हम सब प्रकाशित हो रहें हैं ऐसे
परम आराध्य आचार्य श्री विद्यासागर गुरुवर के 'संयम स्वर्ण दिवस'* पर गुरुवर के श्री चरणों मे त्रय बार नमोस्तु ,आप दीर्घायु हो आप का स्नेह और आशीर्वाद हम सब पर बरसता रहे ।
इसी मंगल भावना के साथ .. आपके पावन पुनीत चरणों कोटि -कोटि नमन ..???
मोहनलाल -कमलेश जैन (कोटियाँ ) चक्रेश जैन - अंजु जैन - मयुख जैन - देव जैन ,समस्त परिवार जन - सम्बंधी - मित्र गण
कोटा - राजस्थान ( भारत)