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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. 25 नवम्बर 2023 का दिन,समय दोपहर के करीब दो बजे का । आचार्य श्री डोंगरगढ़ चंद्रगिरी सेतिल्दा नेवरा पंचकल्याणक के लिए विहार करते हुए कोदवा ग्राम में विराजमान थे। हम सपरिवार मुम्बई, दिल्ली, दुबई से आचार्य श्री के दर्शन के लिए पहुंचे थे। अवसर था हमारी बेटी सोनल बड़जात्या (दुबई)के हाइकु प्रतियोगिता के सम्मान समारोह का जो २६नवम्बर को आयोजित समारोह में सम्मिलित होने का। आचार्य श्री सामायिक के पश्चात विहार करने वाले थे तभी आचार्य श्री से सभी भक्तों ने आशीर्वाद का निवेदन किया और सभी भक्तों के पुण्योदय से आचार्य श्री सिंहासन पर विराजमान हुए। आत्मा पुकार उठी "अद्य मे सफलं जन्म नेत्रे च सफले मम्।त्वामद्राक्षं यतो देव हेतुमक्षयसंपद:|अद्य संसार गंभीर पारावार: सुदुस्तर:, सुतरोऽयं क्षणेनैव भगवन् तव दर्शनात्। सभी जयकारे लगाने लगे। अश्रुपूरित नेत्रों से आचार्य भगवान से पुकारा हे भगवन्! जाने कितनी पर्यायों से भटकते हुए आज आपके दर्शन पाकर जन्म सफल हो गया। पर्याय सफल हो गई। हे भगवन्! ऐसा आशीर्वाद दो कि हमें भी आपके जैसा आचरण और विशुद्धि प्राप्त हो। कहते हैं ना भक्ति में शक्ति है भगवान भी अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। आचार्य श्री ने पुकार सुनकर अपने हस्त कमलों को उठाते हुए आशीर्वाद दिया "भावना भाते रहो" सुनते ही मन शांत हो गया लगा जैसे जन्म जन्मांतरों की अमूल्य निधि प्राप्त हो गई। अगले दिन सुबह विहार में करीब सात किलोमीटर का सपरिवार आचार्य श्री का सानिध्य प्राप्त हुआ। हम सभी दर्शन पाकर धन्य हो गये। "भूयात् पुनर्दर्शनं" की भावना रखते हुए गुरुदेव को नमन किया। पर १८फरवरी को आचार्य श्री के समाधि मरण से हम बहुत दुखी एवं आहत हैं।😭 बड़े बाबा से प्रार्थना करते हैं कि गुरुदेव दो तीन भव में सिद्धालय में विराजमान हों और हमें भी जब तक मुक्ति नहीं मिले तब तक हर जन्म में आचार्य श्री जैसे सच्चे वीतरागी हितोपदेशी गुरु की सरण मिले। नमोस्तु भगवन् नमोस्तु 🙏🙏🙏 अलका जैन जयपुर
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