आज हमारी ऑंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। क्या बोले हम गुरु जी बारे में, हमारे पास तो शब्द नहीं हैं। बस इतना ही बोलेंगे की *सूर्य अस्त हो गया , अंधेरा छा गया जैन समाज में, शरद पूर्णिमा का चांद, रोशनी ले गया अपने साथ में।* 🙇♀️✨🙏 नमोऽस्तु आचार्य श्री नमोऽस्तु 🙏✨🙇♀️😭