श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कुंडलगिरि,कुंडलपुर जिला दमोह में हुए भव्य पंचकल्याणक एवंं गजरथ महोत्सव का साक्षी बनने का सौभाग्य मिला। न भूतो न भविष्यति।गुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की लगन ,तपस्या और अद्भुत प्रतिभा ने इस पंचकल्याणक को अविस्मरणीय बना दिया। भगवान आदिनाथ का यह भव्य जिनालय सदियों तक जैन धर्म की पताका फहराता रहेगा।आचार्यश्री ने सकारात्मक सोच का जो प्रतिमान कुंडलगिरी में स्थापित किया है वह युगों युगों तक मानव जाति को अपने स्वप्न साकार करने की प्रेरणा देगा। आने वाली पीढ़ियां ये सुन कर अचंभित होंगी कि आचार्य श्री ने कैसे कैसे झंझावातों के बीच दमोह जिले को विश्व मानचित्र पर स्थापित कर दिया।नमोस्तु गुरुवर।