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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Darshan jain bina

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  1. खिमलासा 10-02-2021
     *मोती रत्न चढ़ाकर पूजन की गई, 1008 कलशों से हुआ महा अभिषेक, दिव्य कलशों से हुई ऊर्जामयी शांतिधारा,* 
     
     श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री  विद्यासागर जी महा मुनिराज के शिष्य पूज्य मुनि श्री  विमलसागर जी महाराज,मुनि श्री  अनंतसागर जी महाराज,मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज,मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया रहली के निर्देशन में 10 फरवरी 2021 को श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर  में श्री आदिनाथ भगवान के निर्वाण कल्याणक के अवसर पर प्रातःकाल की वेला में भक्तामर अर्चना 48 रत्न दीपकों द्वारा हुई, मुनि श्री विमलसागरजी महाराज ने भक्तामर स्तोत्र अपने मुखारविंद से पढा, फिर 1008 कलशों से श्री आदिनाथ जी की विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ एवं ऊर्जामयी शांति धारा हुई फिर 1008 विशेष द्रव्यो द्वारा सहस्त्रनाम स्तोत्र पूजन हुई, लोगो ने बड़े ही भक्ति भाव से नृत्य करके निर्वाण लाडू चढ़ाया, 11 फरवरी को प्रातः 6:30 बजे अभिषेक,शांतिधारा, पूजन के पश्चात कल्याण मंदिर विधान होगा एवं मुनि श्री के प्रवचन होंगे यह कार्यक्रम श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में होगा। त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर में  15,16,17 फरवरी को होने वाले वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां भी जारी है, कार्यक्रम में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अक्षरो में लिखने लायक है, चतुर्थ काल के पहले ही निर्वाण हुआ था, कैलाश पर्वत पर प्रभु ध्यान में लीन हो गए थे और सिद्धालय में जाकर विराजमान हो गए। दिव्य सामग्री से प्रभु का निर्वाण कल्याणक मनाया गया,मोती,रत्न चढ़ायें गए, भगवान की दिव्य प्रतिमाओं का पंच कल्याणक करके वर्तमान में विराजमान करो तो वहीं पुण्य का अर्जन होता है जो चतुर्थ काल में होता था, भरत चक्रवर्ती ने स्वर्णमयी रत्नमयी जिनालय बनबाये थे। हमारा पुण्य नही है कि कैलाश पर्वत पर विराजमान जिनबिम्बों के दर्शन हो जाए, आस्था और संकल्प से आज भी कैलाश पर्वत की प्रतिमाओं के दर्शन हो सकते है, प्रभु की पूजा-अर्चना में कमी नहीं रखना चाहिए,जो जितना लुटाता है उतना पाता हैं, 1008कलशों का विशेष महत्व है, सौधर्म इन्द्र 1008 हाथ बना कर अभिषेक करता है।

  2. *हिंदी भाषा संगोष्ठी*

     5 फरवरी 2021 शुक्रवार *कार्यक्रम स्थल* मधुबन वाटिका खिमलासा जिला सागर (मध्य प्रदेश) 

    *प्रेरणा* 

    राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज 

    *सानिध्य*

    मुनिश्री विमल सागर जी महाराज

    मुनिश्री अनंत सागर जी महाराज

    मुनिश्री धर्म सागर जी महाराज 

    मुनिश्री अचल सागर जी महाराज

    मुनिश्री भाव सागर जी महाराज

    *कार्यक्रम*

    5 फरवरी 2021 शुक्रवार दोपहर। 1 : 30 बजे से 

    *हमारी मातृभाषा हिंदी* विषय पर विभिन्न व्यक्तित्व द्वारा संगोष्ठी मुनि श्री का उद्बोधन 

    *विशेष निवेदन* सभी शिक्षक गण ,छात्र ,अभिभावक एवं विशेष व्यक्तित्व आमंत्रित हैं 

    *आयोजक* भारतीय भाषा हिंदी प्रचार संघ खिमलासा

  3. खिमलासा 18/01/2021 
       *लिखा है कि मंदिर की पूजा सेवा जो करेगा में उसका दासनु दास रहूंगा* *_मुनि श्री*
    बीना विधायक श्री महेश राय जी ने विधायक निधि से 5 लाख की राशि स्वीकृति प्रदान की,
    (सिद्धचक्र 128 .मंडल विधान विश्व शांति महायज्ञ का सातवां दिन)
    त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर  खिमलासा  जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री  विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य
     मुनि श्री  विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री  अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में चल  रहे   सिद्धचक्र 128 महामंडल विधान के  सातवें दिन  धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि अपनी प्रशंसा में कभी ताली नहीं बजानी चाहिए, जिन्होंने बड़े -बड़े मंदिर बनाये है, उनकी प्रशस्ति में लिखा है कि जो इस मंदिर मी पूजा सेवा करेगा, मैं उसका दासानुदास रहूंगा, गुरुओं की अवहेलना निंदा करने से हमेशा उस व्यक्ति की अवहेलना होती है, निंदा करने वाला पाप करता रहता है, निंदा रस जन्म-जन्म में प्राण लेता रहता है, प्रभु और गुरुओं के पास दूसरों की नहीं,अपनी निंदा करे, प्रशंसा करना सीखे अच्छे कार्यों की, कोई दान करता है तो उसकी अनुमोदना जरूर करें, जैन धर्म भाव प्रधान है, आपने जो यह विधान किया है प्रशंसा का कार्य किया है
    18 जनवरी शुक्रवार  को 
     प्रातः काल  अभिषेक! शांतिधारा  , पूजन , विधान हुआ,1024 अर्घ चढ़ाए गए ,शास्त्र अर्पण किया गया ,श्रीफल अर्पण किए गए बीना विधायक श्री महेश राय ने जी 5 लाख की राशि स्वीकृति दी और सरपंच प्रतिनिधि श्री अशोक साहू जी ने सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की,
    प्रतिदिन शाम को मंगल आरती   व भक्तामर अर्चना हो रही है
     रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे हैं


    19 जनवरी को प्रात: काल 6:30 बजे अभिषेक ,शांतिधारा ,पूजन, 7:30 बजे हवन फिर 8:30 बजे मुनि श्री के प्रवचन फिर कार्यक्रम का समापन होगा और श्रीजी का अभिषेक श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में होगा फिर तीनों मंदिरो में श्रीजी विराजमान होंगे , फिर मुनिसंघ की आहारचर्या श्री आदिनाथ मंदिर से होगी ,20 जनवरी को बहुत से भक्तगण नेमावर जी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के दर्शनार्थ जायेगें!

    यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी  नितिन भैयाजी( खुरई/ इंदौर) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका के मार्गदर्शन में चल रहा है

  4. खिमलासा 16/01/2021 
    *दिव्य घोष से धर्म का जयघोष होता है *  *_मुनि श्री*
    (सिद्धचक्र 128 .मंडल विधान विश्व शांति महायज्ञ का पांचवां दिन)
    त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर  खिमलासा  जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री  विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य
     मुनि श्री  विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री  अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में चल  रहे   सिद्धचक्र 128 महामंडल विधान के  पांचवे दिन  धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि इस कोरोना काल में कई व्यक्ति चले गए, असमय में मृत्यु नहीं हो इसके लिए आयुर्वेद ग्रंथ में औषधि का वर्णन किया है, नरको के दुखों का वर्णन करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं ,धार्मिक अनुष्ठान ,व्रत , वेदी बनाने के लिए चिंतन करते रहें इससे पुण्य का बंध  होता रहेगा, सत्य व्यसन से जो बचता है वह अपना उद्धार करता है, जुआ होता है मौत का कुआं!

    मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि सिद्ध बन जाने के बाद वापस नहीं आते , *हिंसा को मिटाने के लिए अहिंसा का प्रचार आवश्यक है* ,युवाओं को धार्मिक कार्यों में आगे आना चाहिए ,भगवान की भक्ति से अतिशय चमत्कार हुये है, सिंगापुर में एक व्यक्ति 60 किलोमीटर दूर जल लेने जाता था अभिषेक के लिए, 
    पहले चर्चा होती है फिर पर्चा  निकलता है फिर खर्चा होता है फिर अर्चा होती है फिर पूरे विश्व में चर्चा होती है ,साधुओं के बिहार के लिए युवाओं को तैयार करें समाज का कर्तव्य है की बिहार करवाने वालों की व्यवस्था करें ,प्रत्येक नगर के बच्चों का दिव्य घोष होना चाहिए, जो धर्म का जयघोष करता खहे, जो प्रभु और गुरु के आगे चलें, इससे बढ़कर पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है, इसको दिव्य घोष,जिन घोष,जय घोष भी कहते हैं

    16 जनवरी शनिवार  को 
     प्रातः काल  अभिषेक, शांतिधारा  , पूजन , विधान हुआ शास्त्र अर्पण किया गया ,श्रीफल अर्पण किए गए 
    प्रतिदिन शाम को मंगल आरती  सभी लोग भक्ति भाव से कर रहे हैं  व भक्तामर अर्चना हो रही है
     रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे है
    20 जनवरी को नेमावर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ बहुत से लोग जाएंगे
     यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी  नितिन भैयाजी( खुरई/ इंदौर) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका के मार्गदर्शन में चल रहा है

  5. खिमलासा 14/01/2021 
    *विश्व के सभी लोगो के रोग दूर हो _मुनि श्री*
    170 नामों के उच्चारण के साथ   ऊर्जामयी शांतिधारा इतिहास में प्रथम बार हुई
    (सिद्धचक्र 128 .मंडल विधान विश्व शांति महायज्ञ का तृतीय दिन)
    त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर मालथौन रोड खिमलासा  जिला सागर (म. प्र.) में 
      दिगम्बर सरोवर के राजहंस  आचार्य श्री  विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य
     मुनि श्री  विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री  अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में चल  रहे   सिद्धचक्र महामंडल विधान के तृतीय दिन धर्म सभा को .संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि सभी के रोग दूर हो, सभी की गरीबी दूर हो, सभी के कष्ट दूर हो

    14 जनवरी बुधवार को 
     प्रातः काल  अभिषेक,170 नगर के परिवार वालो के नामों से शांतिधारा हुई , खिमलासा नगर के इतिहास में प्रथम बार पूजन  मुनिश्री भाव सागर जी के मुखारविंद से हुई , विधान मुनिश्री विमल सागर जी के मुखारविंद से पढ़ा गया लोगों ने बड़े भक्ति भाव से नृत्य करके प्रभु की आराधना की 
    प्रतिदिन शाम को मंगल आरती व भक्तामर अर्चना हो रही है रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे है
     यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी  नितिन भैयाजी( खुरई/ इंदौर) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका एवं शुभांशु शहपुरा के मार्गदर्शन हुआ

  6. खिमलासा 06/01/2021 
     घटयात्रा ध्वजारोहण के साथ
     विधान हुआ प्रारंभ

    *मंदिर के लिए दान देना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होता है_ मुनि श्री*

    त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर मालथौन रोड खिमलासा जिला सागर (म प्र) में
       दिगम्बर सरोवर के राजहंस  आचार्य श्री  विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य
     मुनि श्री  विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री  अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में 11 जनवरी तक चलने वाले चौबीस समवशरण विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ
    के अंतर्गत त्रिमूर्ति मंदिर जी मालथौन रोड में कार्यक्रम हुआ मुनि संघ की आहार चर्या यही से हुई
    हुआ इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने  कहा कि मंदिर में दान देना सर्वश्रेष्ठ कार्य होता है!
    06 जनवरी 2021 बुधवार को प्रातः काल   घटयात्रा बड़ा मंदिर जी से
    त्रिमूर्ति मंदिर जी पहुंची , श्री जी की शोभायात्रा के साथ फिर ध्वजारोहण हुआ दोपहर मे विधान प्रारंभ हुआ और इसके पूर्व प्रातः काल  अभिषेक, शांतिधारा ,पूजन ,मुनि श्री के प्रवचन हुए एवं शाम को मंगल आरती व रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे है
     यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी  नितिन भैयाजी इंदौर एवंसह प्रतिष्ठाचार्य  ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका के मार्गदर्शन मे चल रहा है

  7. *एक शाम प्रभु के नाम एवं 
     महामस्तिकाभिषेक महोत्सव संपन्न हुआ
    श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा  मंदिर, खिमलासा जिला सागर
     (म ़प्र.) मे आचार्य
     *श्री विद्यासागर जी महामुनिराज* 
    के परम् प्रभावक शिष्य-
     *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अचल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज*
    के सानिध्य में 31 दिसंबर 2020 गुरूवार को  एक शाम प्रभु के नाम(भजन संध्या) का आयोजन   रात्रि में हुआ एवं 
    1जनवरी 2021 शुक्रवार को प्रातः काल मूलनायक श्री पारसनाथ भगवान का 108  कलशो से संघ की मंगल देशना का लाभ मिला

  8. *एक शाम प्रभु के नाम एवं 
     महामस्तिकाभिषेक महोत्सव संपन्न हुआ
    श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा  मंदिर, खिमलासा जिला सागर
     (म ़प्र.) मे आचार्य
     *श्री विद्यासागर जी महामुनिराज* 
    के परम् प्रभावक शिष्य-
     *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अचल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज*
    के सानिध्य में 31 दिसंबर 2020 गुरूवार को  एक शाम प्रभु के नाम(भजन संध्या) का आयोजन   रात्रि में हुआ एवं 
    1जनवरी 2021 शुक्रवार को प्रातः काल मूलनायक श्री पारसनाथ भगवान का 108  कलशो से संघ की मंगल देशना का लाभ मिला
     

  9. *एक शाम प्रभु के नाम एवं 
     महामस्तिकाभिषेक महोत्सव संपन्न हुआ
    श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा  मंदिर, खिमलासा जिला सागर
     (म ़प्र.) मे आचार्य
     *श्री विद्यासागर जी महामुनिराज* 
    के परम् प्रभावक शिष्य-
     *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अचल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज*
    के सानिध्य में 31 दिसंबर 2020 गुरूवार को  एक शाम प्रभु के नाम(भजन संध्या) का आयोजन   रात्रि में हुआ एवं 
    1जनवरी 2021 शुक्रवार को प्रातः काल मूलनायक श्री पारसनाथ भगवान का 108  कलशो से संघ की मंगल देशना का लाभ मिला
    प्रेषक- सौरभ मोदी
               पीयूष जैन
              गगन सराफ

  10. आराधना का महा आयोजन*
    📿 🎪 * चौबीस समवशऱण विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ*🎪 
    *05 से 11 जनवरी 2021तक🌈
    🎪 *कार्यक्रम स्थल-* त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर मालथौन रोड खिमलासा जिला सागर (म प्र) 🎊
     *पुण्यवर्धन आशीर्वाद* - परम पूज्य  दिगम्बर सरोवर के राजहंस  *आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज* 🎉 
     *ऊर्जामयी सानिध्य-* 🌟 *परम पूजय मुनि श्री 108 विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री 108 अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री 108 धर्म सागर जी महाराज,* *मुनिश्री 108 अचलसागर जी महाराज मुनि श्री 108 भावसागर जी महाराज* 
    *अनोखा कार्यक्रम* 
    05 जनवरी 2021मंगलवार प्रात: 8:30 बजे पात्र चयन ( त्रिमूर्ति मंदिर जी मालथौन रोड से  )
    06 जनवरी 2021 बुधवार प्रातः 8 बजे  घटयात्रा बड़ा मंदिर जी से
    त्रिमूर्ति मंदिर जी पहुंचेगी , श्री जी की शोभायात्रा के साथ फिर ध्वजारोहण होगा दोपहर 1 बजे विधान प्रारंभ

    07 से 11  जनवरी 2021 
     

    प्रतिदिन प्रातः काल  7बजे अभिषेक, शांतिधारा ,पूजन ,विधान ,मुनि श्री के प्रवचन
    शाम को 7 बजे मंगल आरती व रात्रि 8 बजे भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन 
    11 जनवरी 2021 हवन एवं समापन
    🎤 *प्रतिष्ठाचार्य* 🎤 💫 *बा.ब्र. नितिन भैयाजी इंदौर
     *सह प्रतिष्ठाचार्य*  बा . ब्र. दीपक भैया टेहरका
    *मार्ग दर्शन* बा. ब्र.राजा भैया
                         बा. ब्र. अमित टिंकू भैया               
    *विशेष निवेदन* शासन प्रशासन के नियमों का पालन सभी करें एवं सोशल डिस्टेंस और मास्क का प्रयोग करें
    *आयोजक एवं निवेदक* सकल दिगंबर जैन समाज खिमलासा जिला सागर (म प्र) 
     *संपर्क सूत्र:-*9575541453
    9425021304,9893099032,9993127943, 9993175686

  11. *एक शाम प्रभु के नाम*🎶🎤🎻🎸🎷
     
    *महामस्तिकाभिषेक, ऊर्जामयी शांतिधारा महोत्सव* 
      दिनांक: 31 दिसम्बर  2020
                  01 जनवरी 2021
     कार्यक्रम स्थल :1008श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा  मंदिर, खिमलासा जिला सागर
     (म ़प्र.)

    *प्रभु की शांतिधारा*
    *महकाएगी जीवन सारा*


    *प्रभु और गुरु के दर्शन से   सुख, शांति,  समृद्धि ऐश्वर्य* की प्राप्ति होगी
    .

     अध्यात्म की पराकाष्ठा आचार्य भगवन 108
     *श्री विद्यासागर जी महामुनिराज* 
    के मंगल आशीष तले,
    उनके ही परम् प्रभावक शिष्य-
    सौम्य मूर्ति 108
     *मुनि श्री विमल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री अचल सागर जी महाराज*
    *मुनि श्री भाव सागर जी महाराज*
    के पावन सानिध्य में होगा
      महाआयोजन

        🎉 *मांगलिक कार्यक्रम*🎉
    31 दिसंबर 2020 गुरूवार एक शाम प्रभु के नाम(भजन संध्या)  रात्रि 8:00 बजे
    *1जनवरी 2021 शुकवार प्रातः 7:00 बजे से मूलनायक श्री पारसनाथ भगवान का 108 रजत कलशो से  महामस्तकाभिषेक ऊर्जामयी शांतिधारा  एवं मुनि श्री के प्रवचन, पूजन 
    एक रजत कलश राशि:-3100/-(अभिषेक के बाद  गंधोदक के साथ कलश दिये जायेगे)

    *विशेष आकर्षण* कार्यक्रम का चैनल पर प्रसारण होगा
    🙏इस महा आयोजन में पधार कर पुन्यार्जन करें
    अतिथियों के आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है🙏
    *संपर्क सूत्र*:- 9893606695,9993362175,9752407195
    *आयोजक /निवेदक*:-सकल दिगंबर जैन समाज खिमलासा जिला सागर (मध्य प्रदेश )

  12. *मंगल विहार थुबोनजी से*

         _26 दिसम्बर 2020, शनिवार_
         
    *आचार्य भगवंत*
    *श्री विद्यासागर जी महामुनिराज*
    के परम प्रभावक शिष्य

    *💠परम् पूज्य मुनि श्री 108 प्रसाद सागर जी महाराज*
    *💠परम् पूज्य मुनि श्री 108 उत्तम सागर जी महाराज*
    *💠परम् पूज्य मुनि श्री 108 पुराण सागर जी महाराज*
    *💠परम् पूज्य मुनि श्री 108 शैल सागर जी महाराज*
    *💠परम् पूज्य मुनि श्री 108 निकलंक सागर जी महाराज*
    _ का मंगल विहार थुबोनजी से देवगढ़ के लिए हुआ_

     *गुरु चरणानुरागी*
    7828395970,93999 96255

  13. *26/12/2020* 🚩 *केशलोंच के उपवास के साधक* 

    *श्री 1008 वर्धमान दिगंबर जैन छोटा मंदिर खिमलासा  जिला सागर मध्य प्रदेश* जिला सागर (मध्य प्रदेश) मैं विराजमान .
    सर्वश्रेष्ठ साधक *आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज* के  आज्ञानुवर्ती शिष्य 
    *मुनि श्री 108 अनंतसागर जी*
     महाराज का आज *केशलोंच का  उपवास* है।हम सभी भावना भाये की अनुकूलता बनी रहे । दिगम्बर जैन साधु की चर्या अद्भुत होती है धन्य है ऐसे उपवास के साधक इनके चरणों में अनंत बार नमन ...🙏
     *गुरूचरणानुरागी* 
    9993362175

    7509798373

  14. *मंगल विहार वर्धा महाराष्ट्र से..*

    _युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य भगवंत_
    _*श्री विद्यासागर जी महामुनिराज*  के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती शिष्य_

    *मुनि श्री १०८ पवित्रसागरजी महाराज*
    *मुनि श्री १०८ प्रयोगसागरजी महाराज*

    *ससंघ का मंगल विहार चातुर्मास के उपरांत वर्धा से व्रती नगरी पुसद की ओर चल रहा है..*
    आज मध्यान ४:१० बजे माळीपुरा से वाघापुर (यवतमाळ) की ओर विहार हुआ..

    *_24 दिसंबर  2020_*

    आज रात्री विश्राम:-
    *श्री महावीर जिनालय,महावीर नगर,वाघापुर,यवतमाळ*

    कल की आहार चर्या:-
    *श्री महावीर जिनालय,महावीर नगर,वाघापुर,यवतमाळ*

    संभावित विहार मार्ग:-
    *नेर-दारव्हा-दिग्रस-पुसद*

    संभावित विहार दिशा:-
    *धर्मनगरी पुसद*

    सूचना प्रदाता

    9738245777

    7828395970
    ________________________

    *संकलन 😘
    *✍🏻श्री विद्यासिंधु अपडेट*
    *♦️सम्यक्त्व विद्यासंघ,वर्धा*
    *♦️ महाराष्ट्र विहार सेवा संघ*

  15. *🚩 खिमलासा- पंचऋषिराज आहार चर्या शुभ संदेश🚩*

     *दिनांक : -  23 दिसंबर 2020*
     *दिन : - बुधवार*

     विराजमान स्थान:-
    _*श्री वर्धमान जिनालय, खिमलासा *_
             

    *☀️परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्यश्री १०८ विद्यासागरजी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य*
    *💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ विमल सागर जी महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान आनंद सिंघई   खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆
     *💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ अनंत सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान अरविंद जैन ढाना वाले खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆


    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *धर्म सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान पवन नायक जयकुमार नायक खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆


    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *अचल सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान वीरेंद्र जैन राजघाट खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇

    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *भाव सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्यप्राप्त हुआ*

    *श्रीमान कमल मोदी खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆

    *_🙏हम इन सब के आहारदान की अनुमोदना करते हैं..!!_* 🙏
    ☆★☆★☆★☆★☆★☆

     

  16. *मंगल विहार वर्धा महाराष्ट्र से..*

    _युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य भगवंत_
    _*श्री विद्यासागर जी महामुनिराज*  के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती शिष्य_

    *मुनि श्री १०८ पवित्रसागरजी महाराज*
    *मुनि श्री १०८ प्रयोगसागरजी महाराज*

    *ससंघ का मंगल विहार चातुर्मास के उपरांत वर्धा से व्रती नगरी पुसद की ओर चल रहा है..*
    आज मध्यान ३:३५ बजे मानकापुर ग्राम से विहार हुआ..

    *_22 दिसंबर  2020_*

    आज रात्री विश्राम:-
    *जैन स्थानक भवन,कलंब जिला यवतमाळ*
    (मानकापुर से ९ किमी)

    कल की आहार चर्या:-
    *सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर,मडकोना ग्राम,जिला यवतमाळ*
    (कलंब से 12 किमी)

    संभावित विहार दिशा:-
    *यवतमाळ/पुसद*

    सूचना साभार:-
    चातुर्मास सेवा समिति,वर्धा

    *संकलन 😘
    प्रज्वल व्यवहारे, वर्धा
    विक्रांत पोहरे, वर्धा

    *✍🏻श्री विद्यासिंधु अपडेट*
    *♦️सम्यक्त्व विद्यासंघ,वर्धा*
    *♦️ महाराष्ट्र विहार सेवा संघ*

  17. *🚩 खिमलासा- पंचऋषिराज आहार चर्या शुभ संदेश🚩*

     *दिनांक : -  22 दिसंबर २०२०*
     *दिन : - मंगलवार*

     विराजमान स्थान:-
    _*श्री वर्धमान जिनालय, खिमलासा *_
             

    *☀️परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्यश्री १०८ विद्यासागरजी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य*
    *💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ विमल सागर जी महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान अनिल कुमार धर्मेन्द कुमार नायक  खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆
     *💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ अनंत सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान वीरेंद्र कुमार राजघाट वाले खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆


    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *धर्म सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान विमल कुमार अंशुल कुमार सिंघई खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆


    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *अचल सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ*

    *श्रीमान कमल कुमार दिवस कुमार मोदी खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇

    💫परम पूज्य मुनिश्री १०८ *भाव सागर जी  महाराजजी को आहार देने का सौभाग्यप्राप्त हुआ *

    *श्रीमान राजेंद्र कुमार सिंघई  खिमलासा*
    ◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆◇◆

    *_🙏हम इन सब के आहारदान की अनुमोदना करते हैं..!!_* 🙏
    ☆★☆★☆★☆★☆★☆

    🙏

  18. प्रवास 2020*
    प्रवास स्थल – श्री 1008 वर्धमान दिगम्बर जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर ( मध्य प्रदेश)
    अध्यात्म की पराकाष्ठा आचार्य भगवन 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के मंगल आशीर्वाद से उनके परम् प्रभावक शिष्य-
    सौम्य मूर्ति 108
    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज
    मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज
    मुनि श्री अचल सागर जी महाराज
    मुनि श्री भाव सागर जी महाराज विराजमान हैं ।
    प्रेषक
    9993362175
    9752407195

  19. 21/12/2020 अपडेट

     *प्रवास* *खिमलासा*2020* 
    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज
    ससंघ की दिनचर्या
    प्रातः 6:30 बजे आचार्य भक्ति
    प्रातः 6:45 बजे वनविहार
    प्रातः 7:00 बजे देव वंदना
    प्रातः 7:45 बजे व्यक्तिगत स्वाध्याय
    प्रातः 8:45 बजे आचार्य श्री जी की पूजन  
    प्रातः 9:00 बजे से प्रवचन
    प्रातः 10:00 मुनिसंघ की आहारचर्या
    दोपहर 11:45 मुनिसंघ की ईर्यापथ भक्ति
    दोपहर 12:00 -1:45 बजे तक सामायिक
    दोपहर 2:00– 3:00 बजे तत्वार्थ सूत्र स्वाध्याय
    दोपहर 3:00 – 4:00 बजे तक  इष्टोपदेश स्वाध्याय( सभी के लिए)
    दोपहर 4:00 – 5:00 तक स्वाध्याय
    शाम 5:00 प्रतिक्रमण/ देववंदना
    शाम 5:15 आचार्यभक्ति
    शाम 5:30 भक्तामर  ( बच्चों के लिए)
    शाम 7:00 बजे सामायिक
    नोट:- इस कार्यक्रम में मौसम के अनुसार स्थिति परिस्थिति अनुसार परिवर्तन हो सकता है।

  20. *👣वर्धा से कुंथलगिरी👣*
          21 दिसबर 2020

    श्रमण सूर्य परम पूज्य आचार्य भगवंत *श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज*

    के सुशिष्य
    🌞मुनि श्री १०८ पवित्रसागर जी महराज
    🌞मुनि श्री १०८ प्रयोगसागर जी महराज

    का चातुर्मास उपरान्त मंगल विहार अभी अभी दोपहर 3 00 बजे *देवली महाराष्ट्र से पुसद* की ओर हुआ

    विहार दिशा- कुंथलगिरी जी
    आज रात्रि विश्राम- यशवंत महाविद्यालय भिड़ी
    कल की आहारचर्या - रवींद्रनाथ टैगोर महाविद्यालय मानकापुर जिला यवतमाल
    〰〰〰〰〰〰〰〰
                            👇🏻👇🏻👇🏻
           *☀🚩पुण्योदय विद्यासंघ🚩☀*
               
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  21. 🚩 *20/12/2020* 🚩 *केशलोंच के उपवास के साधक* 

    *श्री 1008 वर्धमान दिगंबर जैन छोटा मंदिर खिमलासा  जिला सागर मध्य प्रदेश* जिला सागर (मध्य प्रदेश) मैं विराजमान .
    सर्वश्रेष्ठ साधक *आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज* के  आज्ञानुवर्ती शिष्य 
    *मुनि श्री 108 विमलसागर जी*
     महाराज का आज *केशलोंच का  उपवास* है।हम सभी भावना भाये की अनुकूलता बनी रहे । दिगम्बर जैन साधु की चर्या अद्भुत होती है धन्य है ऐसे उपवास के साधक इनके चरणों में अनंत बार नमन ...🙏

  22. *🎪🎪आचार्य संघ एवं उपसंघ सूची*
    *❄संत शिरोमणि अपडेट❄*
    *सन्त शिरोमणि ,आचार्य भगवन् के संघ और उपसंघ की जानकारी(संभावित)*
    १८-१२-२०२०
    📿📿📿📿📿📿📿📿

    🎪 *प पू संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महामुनिराज*
    प पू मुनि श्री १०८ सौम्य सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ दुर्लभ सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ नीरोग सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निरामय सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ शीतल सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ श्रमण सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ संधान सागर जी महाराज
    (८ मुनिराज) ससंघ 
    *श्री सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर* में विराजमान है ।

    🎪 *प.पू. निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ समय सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ प्रशस्त सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ मल्लि सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ आनंद सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निर्ग्रंथ सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निर्भ्रांत  सागर जी महाराज 
    प पू मुनि श्री १०८ निरालस सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निराश्रव सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निराकार सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निश्चिंत सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निर्माण  सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निशंक सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निरंजन सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निर्लेप सागर जी महाराज
    (१४ मुनिराज) ससंघ 
    *शान्तिधाम बिना बारह* में विराजमान है।

    🎪 *प.पू. निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ योग सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ अक्षय सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ पूज्य सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ नेमि सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ अतुल सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निस्सीम सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ शाश्वत सागर जी महाराज 
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ समता भूषण सागर जी महाराज
    (७ मुनिराज, १ क्षुल्लक) ससंघ का
    *जिंतुर* से मंगल विहार हुआ।
    सम्भावित विहार दिशा :- *सेनगाव*

    🎪 *प पू निर्यापक श्रमण मुनि श्री १०८ नियम सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ अभिनन्दन सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ ऋषभ सागर जी महाराज
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ सयंम सागर जी महाराज
    (३ मुनिराज, १ क्षुल्लक) ससंघ 
    *तिगडोली(कर्नाटक)* में विराजमान है।

    🎪 *प पू निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री १०८ सुधा सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ महा सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निष्कंप सागर जी महाराज
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ धैर्य सागर जी महाराज
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ गम्भीर सागर जी महाराज 
    (३मुनिराज २ क्षुल्लक) ससंघ 
    *बिजौलिया* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ समता सागर जी महाराज*
    प पू एलक श्री १०५ निश्चय सागर जी महाराज
    (१ मुनिराज १ ऐलक) ससंघ 
    *शीतल धाम विदिशा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ समाधि सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ
    *हस्तिनापुर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ सरल सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ
    *बबीना* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ अरह सागर जी महाराज
    (२ मुनिराज) ससंघ का
    *बिलहरी* से मंगल विहार हुआ।
    सम्भावित विहार दिशा :- *जबलपुर*

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ मार्दव सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८भद्र सागर जी महाराज
    (२ मुनिराज) ससंघ
    *पानीगांव* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ पवित्र सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ प्रयोग सागर जी महाराज
    (२ मुनिराज) ससंघ 
    *वर्धा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ पावन सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ 
    *बेहरोज अलवर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ सुख सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ 
    *कुडची* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ प्रशान्त सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ निर्वेग सागर जी महाराज
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ देवानन्द जी महाराज 
    (२ मुनिराज ,१ क्षुल्लक) ससंघ 
    *बण्डा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ विनीत सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ चन्द्रप्रभ सागर जी महाराज 
    (२ मुनिराज) ससंघ
    *अजमेर* में विराजमान है ।

    🎪 *प पू मुनी श्री १०८ निर्णय सागर जी महाराज*
    प पु एकल श्री १०५ क्षिर सागर जी महाराज
    (१ मुनिराज, १ एलक जी ) ससंघ 
    *सुल्तानपुर* में विराजमान है

    🎪 *प पू मुनि १०८ प्रबुद्ध सागरजी महाराज*
     (१ मुनिराज) ससंघ 
    *गोटेगांव* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि १०८ पूण्य सागरजी महाराज*
     (१ मुनिराज) ससंघ 
    *अरातला* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि १०८ पाय सागरजी महाराज*
    प पू क्षुल्लक १०५ सन्मार्ग सागरजी महाराज
     (१ मुनिराज, १ क्षुल्लक जी) ससंघ 
    *बननिकोप्पा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ प्रसाद सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ उत्तम सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ शैल सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ पुराण सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निकलंक सागर जी महाराज
     (५ मुनिराज) ससंघ 
    *थुबोनजी* में विराजमान है। 

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ अभय सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ प्रभात सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निरीह सागर जी महाराज
    ( ३मुनिराज) ससंघ 
    *आरोन* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ प्रबोध सागर जी महाराज*
     प पू मुनि श्री १०८ सुपार्श्व सागर जी महाराज
    (२ मुनिराज) ससंघ 
    *भोसे* में विराजमान है। 

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ प्रणम्य सागर जी महाराज*
     प पू मुनि श्री १०८ चन्द्र सागर जी महाराज
    (२ मुनिराज) ससंघ 
    *मुज्जफरनगर* में विराजमान है। 

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ अजित सागर जी महाराज*
    प पू एलक श्री १०५ दया सागर जी महाराज
    प पू  एलक श्री १०५ विवेकानन्द सागर जी महाराज
    (१ मुनिराज ,२ एलक) ससंघ 
    *समसगढ* में विराजमान है।
    संभावित विहार दिशा :- *भोपाल*

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ सम्भव सागर जी महाराज*
     प पू मुनि श्री १०८ विराट सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निर्मोह सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निष्पक्ष सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निष्पन्द सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निष्काम सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ नीरज सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निसंग सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ समरस सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ संस्कार सागर जी महाराज
    (१० मुनिराज) ससंघ 
    *शुजालपुर* में विराजमान है। 

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ पदम् सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज ) ससंघ
    *चंदेरी* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ श्रेयांस सागर जी महाराज*
    प पू क्षुल्लक श्री १०५ निजात्म जी महाराज 
    (१ मुनिराज ,१क्षुूल्लक ) ससंघ
    *सानोधा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ विमल सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ अनन्त सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ धर्म सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ अचल सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ भाव सागर जी महाराज
    ( ५ मुनिराज) ससंघ 
    *खिमलासा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ कुन्थु सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज ) ससंघ 
    *बेगमगंज* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ सुव्रत सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ का
    *शिवपुरी* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ वीर सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ विशाल सागर जी महाराज 
    प पू मुनि श्री १०८ धवल सागर जी महाराज 
    (३ मुनिराज)  ससंघ 
    *सरधाना* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ आगम सागर जी महाराज* 
    प पू मुनि श्री १०८ पुनीत सागर जी महाराज
    प पू मुनिश्री १०८ सहज सागरजी महाराज 
    (३ मुनिराज) ससंघ
    *मालगांव(कोल्हापुर)* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ अविचल सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ
    *सोनागिर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ विशद सागर जी महाराज*
    (१ मुनिराज) ससंघ
    *आष्टा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ विन्रम सागर जी महाराज* 
    प पू मुनि श्री १०८ निस्वार्थ सागर जी महाराज
    प पू मुनिश्री १०८ निष्पर्ह सागरजी महाराज 
    प पू मुनि श्री १०८ निश्चल सागर जी महाराज
    प पू मुनिश्री १०८ निर्भीक सागरजी महाराज 
    प पू मुनि श्री १०८ नीराग सागर जी महाराज
    प पू मुनिश्री १०८ निर्मद सागरजी महाराज 
    प पू मुनि श्री १०८ निसर्ग सागर जी महाराज
    प पू मुनिश्री १०८ ओमकार सागरजी महाराज 
    (९ मुनिराज) ससंघ 
    *मनावर* में विराजमान है।
    सम्भावित विहार दिशा :- *बावनगजा*

    🎪 *प पू मुनि श्री १०८ निर्दोष सागर जी महाराज*
    प पू मुनि श्री १०८ निर्लोभ सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निरापद सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निराकुल सागर जी महाराज
    प पू मुनि श्री १०८ निरुपम सागर जी महाराज
    (५ मुनिराज) ससंघ
    *मनावर* में विराजमान है।
    सम्भावित विहार दिशा :- *बावनगजा*

    🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵
         *आर्यिका संघ*

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ गुरूमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ चिन्तनमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५सूत्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शीलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ साकारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सौम्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शांतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सुशांतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ जाग्रतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ कर्तव्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निष्काममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विरतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ तथामति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ चैत्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ पुनीतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ उपशममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ ध्रुवमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ पारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ आगतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री१०५ श्रुतमति माताजी
    (२१ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *नागपुर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ दृढ़मति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ पावनमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ साधनामति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विलक्षणामति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ वैराग्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अकलंकमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निकलंकमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ आगममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ स्वाध्यायमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ प्रशममति माताजी 
     प पू  आर्यिका श्री १०५ मुदितमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सहजमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ संयममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सत्यार्थमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सिद्धमति माताजी 
    प पू  आर्यिका श्री १०५ समुन्नतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शास्त्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ तथ्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ वात्सल्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ पथ्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ संस्कारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विजितमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ आप्तमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ स्वभावमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ धवलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ समितिमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ मननमति माताजी
    (२७ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *गढ़ा जबलपुर* में विराजमान हे।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ मृदुमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ निर्णयमति माताजी
    (२ आर्यिका माताजी) ससंघ
    *पिंडरई* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ ऋजुमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ सरलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शीलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ असीममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ गौतममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निर्वाणमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ मार्दवमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ मंगलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ चारित्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ श्रद्धामति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ उत्कर्षमति माताजी
    (११ आर्यिका माताजी) ससंघ
    *कुण्डलपुर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ तपोमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ सिद्धांतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ नम्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विनम्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अतुलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनुगममती माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ उचितमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विनयमति माताजी 
     प पू आर्यिका श्री १०५ संगतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ लक्ष्यमति माताजी
    (१० आर्यिका माताजी) ससंघ
    *चन्द्रगिरि डोंगरगढ़* में विराजमान हे।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ सत्यमति माताजी*
    (१आर्यिका माताजी) ससंघ
    *निवार* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ गुणमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ ध्येयमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ आत्ममति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ संयतमति माताजी
    (४आर्यिका माताजी) ससंघ
    *शाहपुर(गणेशगंज)* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ प्रशांतमती माताजी* 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विनतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ विशुद्धमति माताजी
    (३ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *शाहगढ़* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ पूर्णमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ शुभ्रमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ साधुमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ विशदमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ विपुलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ मधुरमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ कैवल्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सतर्कमति माताजी
    (८ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *कुण्डलपुर* मैं विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ अनन्तमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ विमलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निर्मलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शुक्लमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ भावनामति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ आलोकमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ संवेगमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निर्वेगमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सविनयमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ समयमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शोधमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ शाश्वतमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सुशीलमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सुसिद्धमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ सदयमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ उदारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ संतुष्टमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निकटमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अमितमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ निसर्गमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ भक्तिमति माताजी
    (२१ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *बण्डा* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ कुशलमति माताजी*
    (१आर्यिका माताजी) ससंघ
    *खितौली* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ धारणामति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ शैलमति माताजी
    ( २ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *शाहपुर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ आदर्शमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ दुर्लभमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अंतर मति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनुनय मति माताजी
    प पूआर्यिका श्री १०५अनुग्रह मति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अक्षयमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अमूर्तमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अखण्डमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनूपम मति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनर्घमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनुभवमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ आनंदमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अधिगममति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अमंदमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अभेदमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ श्वेतमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ उद्योत मति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ स्वस्थमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ गंतव्यमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ संवरमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ पृथ्वी मति माताजी
    प पूआर्यिका श्री १०५ निर्मदमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ विनीतमती माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ मेरुमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ परमार्थमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ ध्यानमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ विदेहमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ अवाय मति माताजी
    प पूआर्यिका श्री १०५ अदूरमति माताजी
    (२९ आर्यिका माताजी) ससंघ
    *पपौरा जी* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ अपूर्वमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनुत्तरमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अगाधमति माताजी
    (३आर्यिका माताजी) ससंघ
    *सिरोंज* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ उपशांतमति माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ ओंकारमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ परममति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ चेतनमति माताजी
    (४ आर्यिका माताजी) ससंघ 
    *कुंडलपुर* में विराजमान है।

    🎪 *प पू आर्यिका श्री १०५ अकम्पमती माताजी*
    प पू आर्यिका श्री १०५ अमूल्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ आराध्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अचिन्त्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अलोल्यमति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अनमोलमति माताजी
    प पू आर्यिका श्री १०५ आज्ञामति माताजी 
    प पू आर्यिका श्री १०५ अचलमति माताजी
    (८ आर्यिका माताजी) ससंघ
    *करेली* में विराजमान है।

  23. 17/12/2020 अपडेट

     *प्रवास* *खिमलासा*2020* 
    मुनि श्री विमल सागर जी,
    ससंघ की दिनचर्या
    प्रातः 6:30 बजे आचार्य भक्ति
    प्रातः 6:45 बजे वनविहार
    प्रातः 7:00 बजे देव वंदना
    प्रातः 7:45 बजे व्यक्तिगत स्वाध्याय
    प्रातः 9:45 बजे आचार्य श्री जी की पूजन
    प्रातः 10:00 मुनिसंघ की आहारचर्या
    दोपहर 11:45 मुनिसंघ की ईर्यापथ भक्ति
    दोपहर 12:00 -1:45 बजे तक सामायिक
    दोपहर 2:00– 3:00 बजे तत्वार्थ सूत्र स्वाध्याय
    दोपहर 3:00 – 4:00 बजे तक  इष्टोपदेश स्वाध्याय( सभी के लिए)
    दोपहर 4:00 – 5:00 तक स्वाध्याय
    शाम 5:00 प्रतिक्रमण/ देववंदना
    शाम 5:15 आचार्यभक्ति
    शाम 5:30 भक्तामर  ( बच्चों के लिए)
    शाम 7:00 बजे सामायिक
    नोट:- इस कार्यक्रम में मौसम के अनुसार स्थिति परिस्थिति अनुसार परिवर्तन हो सकता है।

  24. खिमलासा : 17/12/2020
    *वेदी प्रतिष्ठा समारोह  संपन्न हुआ*

    श्री  दिगंबर  वर्धमान  जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर(मध्यप्रदेश) मे

     मूकमाटी रचयिता आचार्य श्री  विद्यासागर जी महाराज के शिष्य

    मुनि श्री विमल सागर जी महाराज
    मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज
    मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज
    मुनि श्री अचल सागर जी महाराज
    मुनि श्री भाव सागर जी महाराज 
    के सानिध्य मे  एवं


     प्रतिष्ठाचार्य
    प्रतिष्ठा रत्न, प्रतिष्ठा सम्राट वाणी भूषण ब्रह्मचारी विनय भैया जी बंडा के  निर्देशन में

    14; 15; 16 दिसंबर को  प्रतिदिन
    प्रात  काल अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती  हुई  एवं  16 दिसंबर को नवीन वेदी पर श्रीजी विराजमान  हुए  एवं,  मुनि श्री की दिव्य देशना, का लाभ भी प्राप्त हुआ 
     एवं हवन के साथ   समारोह संपन्न हुआ

  25. *निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव साक्षात तीर्थ स्वरूप 108श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा*
    *स्वयं की दृष्टि मे सम्यग्दृष्टि मत मानना*
    *अनुभव कभी झूठ नहीं बोलता लेकिन अनुभव कभी प्रमाणिक नहीं होता हैं*
    1.धर्म क्षेत्र में कभी झूठ नहीं बोलूंगा भगवान के सामने खुली किताब रखूंगा क्योंकि भगवान के सामने बेईमान हो ही नहीं सकते,भगवान की हा मे हा नहीं,जो अनुभव मे आ रहा है वैसा अनुभव करो,कुछ समझ मे नही आ रहा हैं कि आत्मा भगवान हो कि नहीं यदि कहा तो लोग मिथ्यादृष्टि कहेगे तो भी सच सच कहो भगवान के सामने कि मैं मिथ्यादृष्टी हुं,सम्यग्दृष्टि जैसा कहा वैसा अनुभव में आ जाए।
    2.धर्म संसार में दोनों के बीच में द्वंद है भगवान कहते हैं अजर अमर अविनाशी हो लेकिन हम डरे बैठे हैं। हर पल पल मर रहे हैं इसकी अनुभूति हो रही है एक सी अनुभूति हो जाए भगवान और हमारी अनुभूति एक जैसी हो जाए,फेल ज्यादा हो रहे हैं पास कम हो रहे हैं।
    3.जब भगवान की तरफ देखते हैं तो भगवान बनने के भाव आते हैं हम भगवान बन नहीं पाते,जब भगवान को सुनते हैं तो हमेशा चिंतन करते हैं लेकिन वैसा अनुभवी नहीं कर पाते, भगवान को देखते हैं वह हम देखने में नहीं आता,भगवान की वाणी सुनते हैं लेकिन हम उसको समझते नहीं हैं,यह दोनों विसंवाद भक्त और भगवान के बीच चल रहे हैं।
    4.अपनी आँखों को को बेईमान कहता है अपने करनी के को कौन बेईमान  कहता है,इसलिए हम जो भी करते हैं देखते हैं उसको सही दिशा देने वाला चाहिए और उसी का नाम गुरु हैं।
    5.दृश्य पाप अनुभव में आता है अदृश्य पाप का अनुभव भी नहीं आता।
    *आज की शिक्षा*-पर के कार्य में कभी भी ईमानदारी हो ही नही सकती है।

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