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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Darshan jain bina

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About Darshan jain bina

  • Birthday 04/13/2004

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  1. खिमलासा 10-02-2021 *मोती रत्न चढ़ाकर पूजन की गई, 1008 कलशों से हुआ महा अभिषेक, दिव्य कलशों से हुई ऊर्जामयी शांतिधारा,* श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के शिष्य पूज्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज,मुनि श्री अनंतसागर जी महाराज,मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज,मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया रहली के निर्देशन में 10 फरवरी 2021 को श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्री आदिनाथ भगवान के निर्वाण कल्याणक के अवसर पर प्रातःकाल की वेला में भक्तामर अर्चना 48 रत्न दीपकों द्वारा हुई, मुनि श्री विमलसागरजी महाराज ने भक्तामर स्तोत्र अपने मुखारविंद से पढा, फिर 1008 कलशों से श्री आदिनाथ जी की विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ एवं ऊर्जामयी शांति धारा हुई फिर 1008 विशेष द्रव्यो द्वारा सहस्त्रनाम स्तोत्र पूजन हुई, लोगो ने बड़े ही भक्ति भाव से नृत्य करके निर्वाण लाडू चढ़ाया, 11 फरवरी को प्रातः 6:30 बजे अभिषेक,शांतिधारा, पूजन के पश्चात कल्याण मंदिर विधान होगा एवं मुनि श्री के प्रवचन होंगे यह कार्यक्रम श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में होगा। त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर में 15,16,17 फरवरी को होने वाले वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां भी जारी है, कार्यक्रम में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अक्षरो में लिखने लायक है, चतुर्थ काल के पहले ही निर्वाण हुआ था, कैलाश पर्वत पर प्रभु ध्यान में लीन हो गए थे और सिद्धालय में जाकर विराजमान हो गए। दिव्य सामग्री से प्रभु का निर्वाण कल्याणक मनाया गया,मोती,रत्न चढ़ायें गए, भगवान की दिव्य प्रतिमाओं का पंच कल्याणक करके वर्तमान में विराजमान करो तो वहीं पुण्य का अर्जन होता है जो चतुर्थ काल में होता था, भरत चक्रवर्ती ने स्वर्णमयी रत्नमयी जिनालय बनबाये थे। हमारा पुण्य नही है कि कैलाश पर्वत पर विराजमान जिनबिम्बों के दर्शन हो जाए, आस्था और संकल्प से आज भी कैलाश पर्वत की प्रतिमाओं के दर्शन हो सकते है, प्रभु की पूजा-अर्चना में कमी नहीं रखना चाहिए,जो जितना लुटाता है उतना पाता हैं, 1008कलशों का विशेष महत्व है, सौधर्म इन्द्र 1008 हाथ बना कर अभिषेक करता है।
  2. *हिंदी भाषा संगोष्ठी* 5 फरवरी 2021 शुक्रवार *कार्यक्रम स्थल* मधुबन वाटिका खिमलासा जिला सागर (मध्य प्रदेश) *प्रेरणा* राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज *सानिध्य* मुनिश्री विमल सागर जी महाराज मुनिश्री अनंत सागर जी महाराज मुनिश्री धर्म सागर जी महाराज मुनिश्री अचल सागर जी महाराज मुनिश्री भाव सागर जी महाराज *कार्यक्रम* 5 फरवरी 2021 शुक्रवार दोपहर। 1 : 30 बजे से *हमारी मातृभाषा हिंदी* विषय पर विभिन्न व्यक्तित्व द्वारा संगोष्ठी मुनि श्री का उद्बोधन *विशेष निवेदन* सभी शिक्षक गण ,छात्र ,अभिभावक एवं विशेष व्यक्तित्व आमंत्रित हैं *आयोजक* भारतीय भाषा हिंदी प्रचार संघ खिमलासा
  3. खिमलासा 18/01/2021 *लिखा है कि मंदिर की पूजा सेवा जो करेगा में उसका दासनु दास रहूंगा* *_मुनि श्री* बीना विधायक श्री महेश राय जी ने विधायक निधि से 5 लाख की राशि स्वीकृति प्रदान की, (सिद्धचक्र 128 .मंडल विधान विश्व शांति महायज्ञ का सातवां दिन) त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र 128 महामंडल विधान के सातवें दिन धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि अपनी प्रशंसा में कभी ताली नहीं बजानी चाहिए, जिन्होंने बड़े -बड़े मंदिर बनाये है, उनकी प्रशस्ति में लिखा है कि जो इस मंदिर मी पूजा सेवा करेगा, मैं उसका दासानुदास रहूंगा, गुरुओं की अवहेलना निंदा करने से हमेशा उस व्यक्ति की अवहेलना होती है, निंदा करने वाला पाप करता रहता है, निंदा रस जन्म-जन्म में प्राण लेता रहता है, प्रभु और गुरुओं के पास दूसरों की नहीं,अपनी निंदा करे, प्रशंसा करना सीखे अच्छे कार्यों की, कोई दान करता है तो उसकी अनुमोदना जरूर करें, जैन धर्म भाव प्रधान है, आपने जो यह विधान किया है प्रशंसा का कार्य किया है 18 जनवरी शुक्रवार को प्रातः काल अभिषेक! शांतिधारा , पूजन , विधान हुआ,1024 अर्घ चढ़ाए गए ,शास्त्र अर्पण किया गया ,श्रीफल अर्पण किए गए बीना विधायक श्री महेश राय ने जी 5 लाख की राशि स्वीकृति दी और सरपंच प्रतिनिधि श्री अशोक साहू जी ने सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की, प्रतिदिन शाम को मंगल आरती व भक्तामर अर्चना हो रही है रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे हैं 19 जनवरी को प्रात: काल 6:30 बजे अभिषेक ,शांतिधारा ,पूजन, 7:30 बजे हवन फिर 8:30 बजे मुनि श्री के प्रवचन फिर कार्यक्रम का समापन होगा और श्रीजी का अभिषेक श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में होगा फिर तीनों मंदिरो में श्रीजी विराजमान होंगे , फिर मुनिसंघ की आहारचर्या श्री आदिनाथ मंदिर से होगी ,20 जनवरी को बहुत से भक्तगण नेमावर जी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के दर्शनार्थ जायेगें! यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी नितिन भैयाजी( खुरई/ इंदौर) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका के मार्गदर्शन में चल रहा है
  4. खिमलासा 16/01/2021 *दिव्य घोष से धर्म का जयघोष होता है * *_मुनि श्री* (सिद्धचक्र 128 .मंडल विधान विश्व शांति महायज्ञ का पांचवां दिन) त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर खिमलासा जिला सागर (म. प्र.) में राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री अनंतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज,मुनिश्री अचलसागर जी महाराज मुनि श्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र 128 महामंडल विधान के पांचवे दिन धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि इस कोरोना काल में कई व्यक्ति चले गए, असमय में मृत्यु नहीं हो इसके लिए आयुर्वेद ग्रंथ में औषधि का वर्णन किया है, नरको के दुखों का वर्णन करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं ,धार्मिक अनुष्ठान ,व्रत , वेदी बनाने के लिए चिंतन करते रहें इससे पुण्य का बंध होता रहेगा, सत्य व्यसन से जो बचता है वह अपना उद्धार करता है, जुआ होता है मौत का कुआं! मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि सिद्ध बन जाने के बाद वापस नहीं आते , *हिंसा को मिटाने के लिए अहिंसा का प्रचार आवश्यक है* ,युवाओं को धार्मिक कार्यों में आगे आना चाहिए ,भगवान की भक्ति से अतिशय चमत्कार हुये है, सिंगापुर में एक व्यक्ति 60 किलोमीटर दूर जल लेने जाता था अभिषेक के लिए, पहले चर्चा होती है फिर पर्चा निकलता है फिर खर्चा होता है फिर अर्चा होती है फिर पूरे विश्व में चर्चा होती है ,साधुओं के बिहार के लिए युवाओं को तैयार करें समाज का कर्तव्य है की बिहार करवाने वालों की व्यवस्था करें ,प्रत्येक नगर के बच्चों का दिव्य घोष होना चाहिए, जो धर्म का जयघोष करता खहे, जो प्रभु और गुरु के आगे चलें, इससे बढ़कर पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है, इसको दिव्य घोष,जिन घोष,जय घोष भी कहते हैं 16 जनवरी शनिवार को प्रातः काल अभिषेक, शांतिधारा , पूजन , विधान हुआ शास्त्र अर्पण किया गया ,श्रीफल अर्पण किए गए प्रतिदिन शाम को मंगल आरती सभी लोग भक्ति भाव से कर रहे हैं व भक्तामर अर्चना हो रही है रात्रि में भैयाजी के द्वारा शास्त्र प्रवचन हो रहे है 20 जनवरी को नेमावर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ बहुत से लोग जाएंगे यह कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी नितिन भैयाजी( खुरई/ इंदौर) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी दीपक भैया टेहरका के मार्गदर्शन में चल रहा है
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