Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Aashika jain

Members
  • Posts

    311
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    17

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Aashika jain

  1. पग पग पर परछायी सा, बनकर छांव दिलाते है, कँटिले रास्तों पर भी, गुरु ही चलना सिखाते है।।
  2. जीवन जितना सजता है, अपनो के साथ से , उतना ही महकता है, गुरु के आशीर्वाद से।।
  3. आपसे से सीखा, आपसे ही जाना, आपको ही हमने दुनिया है माना, जब से गुरुवर ने हाथ है थामा, जीवन की सरलता को तब है पहचाना।।।
  4. सोंप लो हाथ हमारा गुरुवर जगत में भीड़ भारी है, हमे और कहीं जाने की ज़रूरत ही कहाँ, क्यूकी हमें आपकी ही शरण प्यारी है।
  5. गुरु की बात पर ध्यान देकर तो देखिये, वो हमे ज्ञान देंगे, गुरु को सम्मान देकर तो देखिये वो हमे ऊँची उड़ान देंगे।।
  6. कैसे कहे हम शुक्रिया, गुरु का हम पर एहसान है, जबसे थामा है हाथ हमारा , हर राह बन गयी आसान है।।
  7. रोशनी बनकर आये हो जिंदगी में, ऐसे दीप को हम नमन करते है, ज़मीन से आसमां तक पहुचाने वाले गुरु को हम शत शत प्रणाम करते है।।
  8. दुःख की घड़ी आने पर सब बिखर सा जाता है , गुरु के हाथ थामते ही सब निखर सा जाता है।।
  9. गुरुदेव तो कण कण में समाये है गुरुदेव तो पूरे विश्व में छाये है कैसे और कहाँ ढूंढू उन्हें? वह तो साक्षात् अरिहंत कहलाएँ है।।
  10. भले बुरे की पहचान कराते है आप, सच्चे सुख की परिभाषा हैं आप, माता- पिता की मूरत है आप , इस युग में भगवान की सूरत है आप।।
  11. गुरू जो सिखाते है उसे सीख लो वरना वक्त की मार खाओगे, जो शिक्षा गुरूवर हमें देते है, उसे तो तुम कहीं से भी न पाओगे।
  12. शिक्षा से बढ़कर कोई वरदान नही है विद्या से बढ़कर कोई दान नही है, सिर्फ गुरुवर का आशीर्वाद होना चाहिए, क्यूकी उससे बढ़कर और कोई सम्मान।।
  13. हम चलते गए, रास्ते मिलते गये , उसी राह पर लाखों बार फिसलते गये, पर जबसे आशीर्वाद मिला है गुरु का, राह के काँटे भी फूल बनकर खिलते गये ।
  14. गुरु ने अहम को त्यागना बताया, हमने भी अब संतोष को है अपनाया, जबसे गुरुवर आपका सानिध्य है पाया, जीवन की पाठशाला में हर बार प्रथम आया।।
  15. मेरे गुरु ने मुझे समझाया हर बार है की जो मुश्किलों का अम्बार है, यही तो होसलों का मीनार है, ऐसे गुरु को बारम्बार नमस्कार है।।
  16. जिंदगी की हर आरज़ू, गुरु के आशीष से ही पूरी हो, जब साथ मिले मेरे गुरु का, तो न कोई खुशी अधूरी हो.
  17. लक्ष्य निर्धारित कर सकें आपने हमें इस योग्य बनाया, जब भी फंसे थे मुश्किल में, आपका दिया ज्ञान ही काम आया।।
  18. गुरु की चमक सूर्य -सी, ज्ञान अम्बर-सा विस्तार, गुरुवर का सान्निध्य ही, हम सबका है उपहार।
  19. नन्ही सी कलियों को, आपने फूलों सा महका दिया, आपके विश्वास ने गुरुवर, हमे चाँद सा चमका दिया।।
  20. जब जगत तुमसे मुंह मोड़ ले, और बिगड़ने लगे हर बात, फिर भी साथ मेरे गुरु खड़े रहे, चाहे जो भी हो हालात।
  21. गुरु की वाणी निरंतर बहती रहे उनकी बातें हर वक़्त हमे याद रहे, जब तक चलें साँसे इस तन में सिर्फ गुरुदेव का नाम दिल में बसा रहे।।
  22. गुरू बिना ज्ञान कहाँ, उनके ज्ञान का अंत न यहाँ गुरू ने दी शिक्षा जहां, निकली संस्कार की सूरत वहां।
  23. जिसकी ज़ुबान पर गुरु का नाम और दिल में सम्मान है, उन्हे कही नही जाना...क्योंकि उनके चरणों में सारा जहान है।।
  24. नया जीवन दिया हमको नयी शक्ति का संचार किया सर झुका है गुरु के आगे, उन्होंने ही हर बेड़ा पार किया।।
×
×
  • Create New...