यही बात कहते हैं-
परे मोक्षहेतू ॥२९॥
अर्थ - अन्त के धर्म्य और शुक्लध्यान मोक्ष के कारण हैं। इससे यह मतलब निकला कि आदि के आर्त और रौद्रध्यान संसार के कारण हैं। अब आर्तध्यान के भेद और उनके लक्षण कहते हैं
English - The last two (the virtuous and the pure) are the causes of liberation.