प्रारम्भ में अहिंसा अणुव्रत के अतिचार कहते हैं-
बन्धवधच्छेदातिभारारोपणान्नपाननिरोधाः ॥२५॥
अर्थ - बन्ध, वध, छेद, अतिभार-आरोपण और अन्नपान-निरोध ये पाँच अहिंसा अणुव्रत के अतिचार हैं।
English - Binding, beating, mutilating limbs, overloading and withholding food and drink are the fire transgressions of non-violence.
विशेषार्थ - प्राणी को रस्सी सांकल वगैरह से बांधना या पिंजरे में बन्द कर देना, जिससे वह अपनी इच्छानुसार न जा सके सो बंध है। लाठी, डण्डे, कोड़े वगैरह से पीटना वध है। पूँछ, कान आदि अवयवों को काट डालना छेद है। मनुष्य या पशुओं पर उनकी शक्ति से अधिक भार लादना अथवा शक्ति से बाहर काम लेना अतिभारारोपण है। और उन्हें समय पर खाना पीना न देना अन्न-पान निरोध हैं। ये अहिंसा अणुव्रत के पाँच अतिचार हैं।