तीन गतियों के जीवों का वर्णन करके तिर्यञ्चों की पहचान बतलाते हैं-
औपपादिकमनुष्येभ्यः शेषास्तिर्यग्योनयः ॥२७॥
अर्थ - उपपाद जन्म वाले देव, नारकी और मनुष्यों के सिवाय बाकी जो संसारी जीव हैं, वे सब तिर्यञ्च हैं। अतः एकेन्द्रिय जीव भी तिर्यञ्च ही हैं। वे समस्त लोक में पाये जाते हैं। इसी से तिर्यञ्चों का कोई अलग लोक नहीं बतलाया है।
English - The beings other than celestial, infernal and human beings are animals.