ज्योतिषी देवों के गमन से ही काल का व्यवहार होता है, यह बतलाते हैं-
तत्कृतः कालविभागः ॥१४॥
अर्थ - उन ज्योतिषी देवों के गमन से काल का विभाग होता है।
English - The divisions of time into an hour, minute, day and night are caused by these Stellar devas.
विशेषार्थ - काल दो प्रकार का है-व्यवहार काल और निश्चय काल। सैकेंड, मिनट, घड़ी, मुहूर्त, दिन, रात, पक्ष, मास वगैरह को व्यवहार काल कहते हैं। ये व्यवहार काल सूर्य-चन्द्रमा की गति से ही जाना जाता है तथा इसी से निश्चयकाल का बोध होता है, जिसका वर्णन आगे पाँचवें अध्याय में किया गया है।