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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • अध्याय 4 : सूत्र 10

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    Vidyasagar.Guru

    अब भवनवासी देवों के दस भेद बतलाते हैं-

     

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    अर्थ - जो देव भवनों में निवास करते हैं, उन्हें भवनवासी कहते हैं। भवनवासी देव-दस प्रकार के होते हैं - असुरकुमार, नागकुमार, विद्युत्कुमार, सुपर्णकुमार, अग्निकुमार, वातकुमार, स्तनितकुमार, उदधिकुमार, द्वीपकुमार और दिक्कुमार॥

     

    English - The Residential devas comprise of Asura Kumar, Naga Kumar, Vidyut Kumar, Suparna Kumar, Agni Kumar, Vata Kumar, Stanita Kumar, Udadhi Kumar, Dvipa Kumar and Dikkumaras.

     

    विशेषार्थ - यद्यपि सभी देवों की जन्म से लेकर मरण तक एकसी अवस्था रहती है। अतः अवस्था से सभी कुमार हैं। किन्तु भवनवासी देवों की वेषभूषा, अस्त्र-शस्त्र, बातचीत, खेलना-कूदना वगैरह कुमारों की तरह ही होता है, इसलिए इनको कुमार कहते हैं। उक्त रत्नप्रभा पृथ्वी के पंकबहुल भाग में असुरकुमारों के भवन बने हुए हैं और उसी के खरभाग में बाकी के नौ कुमारों के भवन हैं। उन्हीं में ये रहते हैं। इसी से इन्हें भवनवासी कहते हैं।


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