Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • अध्याय 3 : सूत्र 7

       (0 reviews)

    Vidyasagar.Guru

    इसी से मध्य लोक का वर्णन प्रारम्भ करते हुए सूत्रकार पहले इसी बात की चर्चा करते हैं

     

    जम्बूद्वीपलवणोदादयः शुभनामानो द्वीपसमुद्राः॥७॥

     

     

    अर्थ - मध्यलोक में जम्बूद्वीप और लवण समुद्र वगैरह अनेक द्वीप और समुद्र हैं।

     

    English - Jambudvipa etc. and Lavanoda etc. are the auspicious names of the continents and the oceans respectively.

     

    अर्थात् पहला द्वीप जम्बूद्वीप है और उसके बाद पहला समुद्र लवणसमुद्र है। लवण समुद्र के बाद दूसरा द्वीप धातकीखण्ड है। और धातकी खण्ड के बाद दूसरा समुद्र कालोदधि है। कालोदधि के बाद तीसरा द्वीप पुष्करवर है और उसके बाद तीसरे समुद्र का नाम भी पुष्करवर है। इसके आगे जो द्वीप का नाम है, वही उसके बाद के समुद्र का नाम है। सबसे अन्तिम द्वीप और समुद्र का नाम स्वयंभूरमण है।


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now

    There are no reviews to display.


×
×
  • Create New...