शेषास्त्रिवेदाः॥५२॥
अर्थ - नारकी, देव तथा सम्मुर्छन जीवों के सिवा शेष जीव अर्थात् गर्भज तिर्यञ्च और मनुष्य तीनों वेद वाले होते हैं। इतना विशेष है कि भोगभूमि तथा म्लेच्छ-खण्ड के मनुष्यों में स्त्री-पुरुष वेद ही होते हैं।
English - The rest of the transmigratory souls can have any of the three sexes.