अब प्रमाण के उन दो भेदों को बतलाकर सूत्रकार पूर्वोक्त पाँच ज्ञानों का उनमें अन्तर्भाव करते हैं-
आद्ये परोक्षम्॥११॥
अर्थ - पाँच ज्ञानों में से आदि के दो मतिज्ञान और श्रुतज्ञान परोक्ष प्रमाण हैं।
English - The first two (kinds of knowledge) are indirect (knowledge).
विशेषार्थ - यहाँ ' आद्य' शब्द का द्विवचन में प्रयोग होने से मतिज्ञान और श्रुतज्ञान का ग्रहण किया है। दोनों ज्ञान ‘पर' अर्थात् इन्द्रिय, मन, उपदेश, प्रकाश आदि की सहायता से होते हैं, इसलिए ये परोक्ष हैं; क्योंकि जो ज्ञान पर की अपेक्षा से होता है, उसे परोक्ष कहते हैं।