Sanyog Jagati Posted October 15, 2018 Report Share Posted October 15, 2018 *पटाखे चलाने से होती है बीमारियॉ*- *मुनि श्री* गौरझामर जिला सागर मध्य प्रदेश मुनि श्री भाव सागर जी महाराज बड़ा मंदिर पाठशाला के बच्चों को चन्द्रप्रभु जिनालय में अभिषेक, शांतिधारा, पूजन करवाई गई इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि पटाखों से हमे आर्थिक नुकसान के साथ साथ शारीरिक हानि भी पहुँचती है। बेजुबान पशु पक्षी पीडित भयभीत होते है। प्रतिवर्ष कई अग्निकांड होते हैं। लाखों करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है। इसके निर्माण में कई मासूम भोले बच्चे अपनी जीवन लीला समाप्त कर देते हैं और हमारे लिए पटाखे तैयार करते हैं। पटाखों का त्याग करेंगे तो स्वच्छ सुंदर वातावरण पर्यावरण मिलेगा। हमारी गली मोहल्ला नगर शहर गांव कॉलोनी स्वस्थ बनेगी। रासायनिक जहरीली गैसों व धुंए के प्रदूषण से बचाव होगा।पटाखे खरीदने, बेचने, फोड़ने का त्याग करते हैं तो असंख्यात जीवो की हिंसा के पाप से बच सकते हैं। करोड़ो सूक्ष्म जीवों नेे हमारा और आपका क्या बिगाड़ा है। हम पटाखे छोड़कर उन सूक्ष्म जीवों को क्यों मारे क्यो लाखो भवो के बैर का बंध करे और करोड़ो जीवो को अभयदान दे। हम इसके बिना भी दीपावली मना सकते हैं पटाखों की आवाज इतनी तेज होती है कि श्रवण क्षमता भी बाधित होती है खासकर बच्चों बुजुर्गों पर इन पटाखों की आवाज का कुछ ज्यादा ही असर पड़ता है जिन पटाखों को चलाकर हम इतने सारे जीवो की हिंसा करते है वह धन बचा कर हम गरीब लोगों को मिठाई, वस्त्र, औषधि और अन्य वस्तुएं अर्पण कर सकते हैं। पटाखों का धुआं बादल बनकर हमारे वायुमंडल को नुकसान पहुँचा रहा है। ऐसे कितने घर हैं जहां आर्थिक तंगी कारण घरो मैं चिराग तक नहीं जल पाते हैं और हम पटाखे चलाते है। दीपावली में हो रही हजारों दुर्घटनाओं का कारण पटाखे है। कितने बच्चे युवा अपंग हो रहे हैं प्रतिवर्ष देश भर में 6000 करोड रुपए से अधिक के पटाखे फोड़े जाते हैं। पटाखों के धुए से वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है सभी के स्वास्थ्य के लिए घातक है। बच्चे बुजुर्ग बीमार व्यक्ति इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सभी बच्चों ने पटाखो का त्याग किया। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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