संयम स्वर्ण महोत्सव Posted June 21, 2017 Report Share Posted June 21, 2017 संयम स्वर्ण महोत्सव के मानक कार्यक्रम क्या होंगे? २१वीं सदी के महानतम् दिगम्बर जैन साधु, उत्कृष्ट तपस्वी, ज्ञान के सागर, जन जन के आराध्य, उत्कृष्ट दूरदृष्टा, करुणा मूर्ति, दिगम्बरत्व के उन्नायक, हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के परम हितैषी, हिन्दी साहित्य के पुरोधा, महावीर के लघुनंदन, भारत और भारतीय संस्कृति के परम संवर्द्धक, परम पूज्य, संतों के संत आचार्य गुरुवर श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज की जैनेश्वरी दीक्षा के ५० वर्ष २८ जून २०१८ को पूर्ण हो रहे हैं और हम सब परम सौभाग्यशाली हैं कि हमें उनके युग में जन्म मिला है। संयम स्वर्ण महोत्सव का शुभारंभ आषाढ़ शुक्ल पंचमी, तदनुसार बुधवार, दिनांक 28 जून 2017 को हो रहा है. संयम स्वर्ण महोत्सव का आयोजन अद्भुत और अभूतपूर्व उत्साह के साथ मनाया जाना चाहिए। यह ५० वर्ष न केवल जैन धर्म के इतिहास में अपितु विश्व इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होंगे। हम सभी को गुरुदेव के संदेशों को जैन अजैन आबाल वृद्ध सब तक पहुँचाना है और हमें स्वयं अपने आचरण में उतारना है। यही हम सबकी अपने गुरुदेव के प्रति सच्ची श्रद्धा की अभिव्यक्ति होगी। २८ जून २०१७ का आयोजन संपूर्ण भारत वर्ष में एक साथ और एक ही सुर ताल में होना चाहिए ऐसी हम सभी की भावना है, इसलिए एक मानक कार्यक्रम रूपरेखा तैयार की गई है, जो इस प्रकार है : *प्रात:काल* १. अपने गाँव/नगर/शहर में प्रात: 7 बजे से भव्य प्रभात फेरी/शोभा यात्रा निकालें। २. प्रभात फेरी के उपरांत आचार्यश्री का संगीतमय पूजन करें । ३. पूजन के बाद समाज जनों और स्थानीय विद्वानों द्वारा गुरुदेव का गुणानुवाद/उद्बोधन । ४. स्वलापाहार एवं जैन-अजैन सभी को गाँव /नगर में मिठाई /प्रभावना वितरण। ५. अपनी क्षमता के अनुरूप अस्पतालों, अनाथालय, वृद्धाश्रम, गरीब बस्तियों में फल/खाद्यान्न/वस्त्र/उनकी आवश्यकता के अनुरूप सामग्री आदि का वितरण अवश्य करवाएँ। जिन संस्थाओं में सामग्री वितरण करते हैं वहाँ गुरुदेव के चित्र स्थापित करवाएँ, गुरुदेव के संक्षिप्त जीवन परिचय की पुस्तिका/पत्रक आदि वितरित करवाएँ. *दोपहर* ६. मंदिर परिसर अथवा आसपास के क्षेत्र में जैन समाज वृक्षारोपण का कार्य करवाए और लगाए गए वृक्षों की देखभाल का प्रबंध करे. ७. युवक/युवती मंडल/महिला मंडल बच्चों के लिए आचार्यश्री के जीवन, उनके साहित्य और उनके द्वारा प्रेरित योजनाओं पर आधारित प्रश्न मंच आयोजित करे और पुरस्कार प्रदान करे. ८. युवक/युवती मंडल/महिला मंडल मंदिर में रखी जिनवाणी, शास्त्र और ग्रंथों की साज सज्जा का कार्य करें सायंकाल* ९. सायं 7:30 बजे जिनेन्द्र देव एवं आचार्यश्री की 50 दीपकों से महाआरती आयोजित करें. १०. रात्रि 8:15 बजे से आमंत्रित विद्वानों/त्यागीव्रतियों से प्रवचन करवाएं ११. रात्रि 9 बजे से आचार्यश्री के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों/जीवन पर आधारित लघु नाटिकाएँ, नृत्य नाटिकाएँ, भजन संध्या /कवि सम्मेलन /सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करें. कार्यक्रम के लिए शासन से शोभायात्रा/प्रभातफेरी निकालने हेतु अनुमति लेने का अनुरोध पत्र, गाँव/नगर के गणमान्य/प्रतिष्ठित व्यक्तियों को कार्यक्रमों/शोभायात्राओं में आमंत्रित करने हेतु पत्र, बैनर/पोस्टर, नारे, गुरुदेव के सूक्तिवाक्य, प्रेस विज्ञप्ति आदि के संभावित मानक प्रारूप शीघ्र ही इस वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए जाएँगे, जिनका आप उपयोग करके अपने कार्यक्रमों की तैयारी कर सकेंगे . कार्यक्रमों के लिए सामान्य निर्देश: Link to comment Share on other sites More sharing options...
Abhishek Posted June 24, 2017 Report Share Posted June 24, 2017 Please Share this post all social media sites like facebook, twitter , and also through whatsapp. By following these instructions we all feel like we near the heart of gurudev. Link to comment Share on other sites More sharing options...
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