SAUMYA UKAWAT Posted December 3, 2023 Report Share Posted December 3, 2023 तलवाड़ा 03-12-2023 *दान देने से भगवान और महान बनता है व्यक्ति* सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज मुनि श्री भाव सागर जी महाराज का 03 दिसंबर 2023 को प्रातः काल की बेला में श्री संभवनाथ दिगंबर जैन मंदिर तलवाड़ा ज़िला बाँसवाड़ा राजस्थान में मुनि श्री का पाद प्रक्षालन किया गया, आरती उतारी गई, श्रीफल अर्पण किए गए,शास्त्र अर्पण किया गया , इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि विश्वास परम मंत्र है, विश्वास से ही कार्य की सिद्धि होती है ,करोडो पाप करने वाले इस पंच नमस्कार मंत्र की आराधना से संसार से पार हो गए,अपार है इस मंत्र की महिमा , मंत्र के प्रभाव से सेठ ने वस्त्र ,आभूषण प्रदान किए, जो अमीर खजाने का त्याग करते हैं वही साधु बन पाते हैं ,विश्वास का नाम ही जीवन है ,अंतिम श्वास पंच नमस्कार मंत्र के साथ ली तो जीवन सफल हो जाता है ,84 लाख मंत्रो का अधिपति है णमोकार मंत्र, णमोकार मंत्र के माध्यम से ध्यान भी होता है ,मंत्र का एक-एक अक्षर पापों का नाश करने वाला है ,जो प्रतिदिन महामंत्र की माला से आराधना करता है उसका क्या कहना है, यह महिमाशाली है मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि यहां का मंदिर ऐसे लगता है जैसे तीर्थ हो,प्रभु का हो या परोपकार का कार्य उसके लिए जो भी दान दिया जाता है ,अर्पित किया जाता है फिर उस धन संपत्ति का उपयोग नहीं करना चाहिए ,दान देने से भगवान और महान बनता है व्यक्ति ,दान से शत्रुता का नाश होता है ,दान बोलकर नहीं देने से बीमारियां होती हैं, परेशानी आती है, प्रतिमा मंदिर ,शिखर के लिए दान देने वाले की महिमा का वर्णन करने के लिए सरस्वती भी समर्थ नहीं है, पूर्वजों ने जो भी मंदिर बनवाए थे हम उनकी सुरक्षा कर रहे हैं यह महत्वपूर्ण कार्य है ,दान से सम्मान मिलता है ,पूरी दुनिया में प्रसिद्धि फैलती है ,घर से जो पूजन की शुद्ध सामग्री लाता है वह विशेष पुण्य का अर्जन करता है ,भरत चक्रवर्ती जब पूजन करते थे तो द्रव्य के पहाड़ बन जाते थे ,प्रभु की स्वर्ण और रतन से पूजन करना चाहिए Link to comment Share on other sites More sharing options...
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