SAUMYA UKAWAT Posted November 29, 2023 Report Share Posted November 29, 2023 (edited) घाटोल 29-11-2023 *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 52वां आचार्य पद आरोहण दिवस धूमधाम से मनाया गया* *आचार्य श्री ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं* *आचार्य श्री विद्यासागर जी के ऐसे कई शिष्य है जिन्होंने एमएससी, एमटेक, डॉ.की डिग्री ,विदेश की सर्विस छोड़कर दीक्षा ली है,* *आचार्य श्री के पास नैनागिर मे मैं प्रवचन सुनने नाग नागिन आते थे,* श्री आदिनाथ दिगंबर जैन अहिंसा मंदिर हेरो ड़ेम घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज संसघ के सानिध्य में सर्वश्रेष्ठ साधक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 52 वां आचार्य पद आरोहण दिवस 29 नवंबर 2023 को पूरे विश्व सहित घाटोल में बुधवार को प्रातः काल की बेला में आचार्य श्री की महापूजन ,शास्त्र अर्पण ,पाद प्रक्षालन. सांस्कृतिक कार्यक्रम, हुआ, पंचमहागुरू ग्रुप के सदस्यों ने वृक्षारोपण, गरीबों को भोजन,औषधि,वस्त्रदान, मिष्ठान वितरण किया के साथ मनाया गया ,इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि गुरु की महिमा को शब्दों की सीमा में नहीं बांधा जा सकता,गुरु सीमातीत है, गुणों के भंडार है, सौधर्म इंद्र सभी बनना चाहते हैं, पंचकल्याणक में सभी क्रियाएं सौधर्म इंद्र करता है,आचार्य ज्ञान सागर जी ने मुस्कुराते हुए आचार्य पद का त्याग किया था,गुरुदेव ने बड़े-बड़े महान कार्य किए हैं, वह कठिन ग्रंथ पढ़ते थे, वह बड़े-बड़े कवियों की टक्कर लेने वाले थे,गुरु की कृपा हुई थी, आचार्य पद उसी को दिया जाता है, जो अपने गुरु के गुणो को आत्मसात कर लेते है, मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि गुरु जो कह रहे है स्वीकार कर लेना गुरु दक्षिणा है,महा कवि ज्ञान सागर जी सभी विद्याओ में पारंगत थे,उम्र में तीन पीढ़ी का अंतर था,पूज्य ज्ञान सागर जी ने कहा था कि जितने गुण विद्यासागर जी में है उतने मेरे अंदर भी नहीं है,इसलिए हमने उन्हें आचार्य पद देकर बड़ा बनाया है,आचार्य श्री विद्यासागर जी के ऐसे कई शिष्य है जिन्होंने एमएससी, एमटेक, डॉ.की डिग्री ,विदेश की सर्विस छोड़कर दीक्षा ली है,विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि अगर मैं सिंहासन पर नहीं बैठूंगा, तो क्या आचार्य नहीं कहलाउंगा, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि विदेशी लोग ने आचार्य श्री की मूकमाटी पढ़ने के बाद मांसाहार,शराब का त्याग किया, आचार्य श्री शब्दों के जादूगर है, अनुशासन की जीवन्त मूर्ति है,आचार्य श्री के पास नैनागिर मे मैं प्रवचन सुनने नाग नागिन आते थे,और पंचकल्याणक में पानी की कमी हुई तो उनके आशीर्वाद से जल स्रोत मिला जो पंचकल्याणक के बाद बंद हो गया था, उनके दर्शन करके देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल ,मुख्यमंत्री ,सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के जज ,विचारक, साहित्यकार, शिक्षाविद, कानूनविद ,उद्योगपति ,प्रमुख संत ,विश्वविद्यालय कुलपति आए, उनके अंदर कुदंकुंद देव का समय सार, बट्टकेर स्वामी का मूलाचार व आचार्य समंतभद्र स्वामी की हुकांर की त्रिवेणी उनके अंदर झलकती है, गुरु ही शिष्य के बुझे हुए दीप को प्रज्वलित कर सकते हैं,वह अंदर परमात्मा बनने की प्यास जगाते हैं, वह मोक्ष का ताला खोलना सिखाते हैं,गुरु कृपा से अनेक प्रकार के विद्या मंत्र सिद्ध हो जाते हैं ,वह आदर्श के देवता है.. गुरु निर्देशक जैसे होते हैं आचार्य श्री ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं.चंदू जी का गढ़ा, तलवाड़ा समाज के महानुभावों ने मुनि संघ के लिए नगर में आने के लिए श्रीफल अर्पण किया Edited November 29, 2023 by SAUMYA UKAWAT Link to comment Share on other sites More sharing options...
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