SAUMYA UKAWAT Posted November 25, 2023 Report Share Posted November 25, 2023 (edited) घाटोल 25/11/2023 * *अलग अलग रहते है तो घर में आनंद नही आता है* *अंगूर गुच्छे में रहते है तो उसकी कीमत ज्यादा रहती है* *एकता का नाम समाज है* श्री दिगंबर जैन अहिंसा मंदिर हेरो डेम मे परम पूज्य सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जमहाराज ,मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में एवं ब्र तरुण भैया इंदौर के निर्देशन में 25 नवंबर 2023 को मांगलिक क्रियाएँ की गई इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि समाज की परंपरा श्री वासुपूपूज्य भगवान के मंदिर से चली आ रही है, अगल बगल में 2 श्री आदिनाथ मंदिर है, अलग –अलग रहते है तो घर में आनंद नही आता है ,अंगूर गुच्छे में रहते है तो उसकी कीमत ज्यादा रहती है, एकता का नाम समाज है ,किसी भी मंदिर में अनुष्ठान होता है और सभी मिल कर करते है तो आनंद आता है, एकता जगी एक ताज़गी आयी मिल कर रहो, धार्मिक अनुष्टान में सभी मिलकर कार्य करते है तो प्रभावना होती है, किसी कार्य को विशालता देना है तो हृदय को विशाल करें, मंदिर बनाने वाले को आगामी काल तक पुण्य की प्राप्ति होती रहती है ,भरत चक्रवर्ती के द्वारा बनाए गए 72 मंदिरों की रक्षा देव करते है, जिन्होंने भव्य मंदिर बनवाए है उन्होंने जिनशासन की स्थापना की है ,सबको एक सूत्र ने बंधना है। मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि विषयों में लिप्त प्राणी अपमान की चिंता नहीं करता है, धर्म जिसके अंदर नही है वह कोई भी बुरा कार्य कर सकता है ,समय तो दुनिया मे सबके पास है लेकिन बहाना बनाता है व्यत्ति, मन कहां लग रहा है यह महत्वपूर्ण है, हमारे पहले भी सिद्ध बने है आगे भी सिद्ध बनेंगे हमारा नंबर तो बीच में आ सकता है।पंचकल्याणक के चौथे चरण के पात्र चयन में इनको सौभाग्य प्राप्त हुआ *माहेंद्र इंद्र* जोधावत धनपाल ,लोकेश कुमार *ब्रह्म इंद्र* सेठ राजेश कुमार को प्राप्त हुआ Edited November 29, 2023 by SAUMYA UKAWAT Link to comment Share on other sites More sharing options...
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