Saurabh Jain Posted August 25, 2017 Report Share Posted August 25, 2017 श्रावकों के लिए इस दशलक्षण पर्व को कैसे मनाना चाहिए एवं उनकी कैसी चर्या होना चाहिए, 30 rules List.. - मुनि सुधासागर जी How should one celebrate Dus Lakshan Parva and what should do these 10 days by Muni SudhaSagar Ji आचार्य विद्यासागरजी महाराज के शिष्य गुरुवर सुधा सागरजी महाराज के अनुसार श्रावको को दस लक्षण में इन 30 नियमो का पालन करन चाहिए सुभे सूर्य उदय होने से पहले नो बार णमोकार मन्त्र बोलना , और सूर्य उदय होने से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए घर के बने हुये मंजन करना , आयुर्वेदिक मंजन करना चाय , कॉफ़ी का त्याग ,शराब गुटके,बीडी सिगरेट इत्यादि का त्याग साबुन सोडा का त्याग क्योकि साबुन एवं सोडा नाली में जाकर असंख्यात जीवो को मारता है पुरुष अगर हो सके तो दस दिन धोती दुपट्टा पहन ने का नियम लेले या शुद्ध सफ़ेद वस्त्र पहेने |महिलाये राग द्वेष रहित कपडे पहेने बाजार का दस दिन कुछ भी ना खाए दस दिन उपवास करे , शक्ति नहीं तो एकाशन करे , इतनी भी शक्ति नहीं हो तो एक टाइम अन्न और अक टाइम फल केवल आवश्यकता होने पर शुद्ध जल ग्रहण करे वो भी छना हुवा घर का भोजन एक ही स्थान पर करे वो भी मौन पूर्वक , होटल का भोजन नहीं करे भोजन को प्रारंभ होने के पहले नो बार णमोकार मन्त्र पढ़े और समाप्त होने पर भी नो बार णमोकार मन्त्र पढ़े दही छाछ नमकीन पापड आदि दस दिन नहीं खाना हरी सब्जी का 10 दिन त्याग करना दस दिन तक दाढ़ी बाल आदि नहीं मनाएंगे जयपुर के बहार दस दिन तक यात्रा नहीं करना ,जहा तक जाना वह तक का नियम लेलो बाकी शेष भारत का ,विदेश का त्याग कर दो सोंदर्य प्रसाधन का प्रयोग नहीं करेंगे,लिपस्टिक पाउडर आदि का त्याग चमड़े कि वास्तु का त्याग किसी से लड़ाई ,झगडा नहीं करना,गाली मत देना , किसी को अपशब्द नहीं बोलना , पिट जाना मगर किसी को मत पीटना , गाली सुन लेना मगर गाली मत बोलना किसी को प्रतिदिन दस लक्षण पर्व कि माला फेरना जैसे ॐ ऋ श्री उत्तम क्षमा धर्मान्गाये नम: इत्यादि कोई भी एक स्तोत्र या भक्तामर का पाठ करे प्रतिदिन अभिषेक या पूजन करे प्रतिदिन दो या चार जोड़ी से ज्यादा कपडे नहीं पहन ने का त्याग स्वाध्याय या धार्मिक क्रिया के प्रवचन आदि में हम सम्मिलित होंगे ,मंदिर जी का कोई भी कार्यक्रम नहीं छोड़ेंगे प्रतिदिन पापो का प्रक्षालन करते हुये दान जरुर करेंगे (आहार , औषधि दान इत्यादि ),मंदिरजी में भी दान कर सकते है क्षमा भाव धारण करे , किसी से भी अगर बेर हुवा है , तो क्षमा मांग लेना किसी कि निंदा आलोचना नहीं करना प्रतिक्रमण प्रतिदिन करना और प्रतिदिन नहीं कर सको तो शाम को आलोचना पाठ पढ़ लेना रात्री में चारो प्रकार के अन्न जल का त्याग , कोई बीमारी हो तो दवाई कि छुट रख लेना संभव हो सके तो अच्छे बिस्तर पर मत सोना , दस लक्षण पर्व में चटाई या दरी बिछाकर सोना फिल्म कार्टून सिनेमा, सीरियल , आदि नहीं देखना , हो सके तो प्रवचन आदि के अलावा टी वी बंद रखना दस दिन ब्रह्मचर्यं व्रत जरुर पालन करना 4 Link to comment Share on other sites More sharing options...
singhai manish jain Posted August 29, 2017 Report Share Posted August 29, 2017 jai gurudev Link to comment Share on other sites More sharing options...
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