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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

8 जून 2023 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज प्रवचन चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगाढ़

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Recommended Comments

आचार्य श्री ने कर्म व आत्मा का संबंध बताने के लिए दूध में व्याप्त घी, दूध अग्नि का संयोग जैसे सुलभ व बोधगम्य प्रतीकों का अत्यंत ही सुन्दर विवेचन किया है।

 

नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु

आचार्य श्री 

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नमोस्तु नमोस्तु गुरु देव 

आज का प्रवचन प्रकृति और स्वभाव के विषय में है ,

प्रकृति के अनुसार जिस द्र्व्य का जो स्वभाव है उसी के अनुसार परिणमन होता है यह विषय उन्होंने अग्नि और जल का उदाहरण देकर समझाया है 

कभी कभी

 कोई द्र्दय में विपरित परिणामों होता है 

नमोस्तु गुरु देव 

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Namostu acharya shree ji🙏

आज के प्रवचन में आचार्य श्री जी ने पृकृति और स्वभाव के विषय में बताया है जिस दृवय का जो स्वभाव है वह वैसा ही रहता है 

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Namostu gurudev

 

 

Vastu ka swabhav doosri cheej k sampark mein aane se uska swabhav to badal jaata hai par wo hamesa k liye nhi...samay paschaat wo cheej apne mool swaroop mein baois aa jaati hai

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🙏प्रकृति के अनुसार प्रत्येक द्रव्य के अपने-अपने परिणाम होते हैं।  जिस द्रव्य का जो स्वभाव होता है उसका उसी के रूप में परिणमन हुआ करता है ।
जैसे अग्नि का स्वभाव उष्णता लिए हुए होता है और जल का स्वभाव शीतल होता है

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