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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

19 जनवरी 2023 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज प्रवचन

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परमहंस या बगुला भगत 

हंस और बगुला, एक जैसे दिखने वाले पक्षी, बाहर से सफ़ेद। पर हंस, अन्दर से भी सफेद। वह पानी में खड़े होकर, मोती चुनता है। और बगुला, अन्दर से काला, धूर्त होता है। पानी में, एक टांग पर खड़ा होता है, मानो तपसी की तरह तप कर रहा हो ! पर उसकी दृष्टि तो मछली पर होती है। मछली को पकड़ने चाल ! इसीलिए ऐसे चालाकों को, मायाचारियों को बगुला भगत कहते हैं। गुरुदेव कहते हैं - परमहंस बनो, बगुलाभगत नहीं। 

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