शंका - गुरुदेव! नमोऽस्तु! महाराजश्री! मेरी जिज्ञासा है कि आचार्यश्री के अपने शिष्य व माता-पिता की समाधि होने के पूर्व व बाद में क्या प्रतिक्रिया रही व उनके मनोभाव कैसे रहे?
- श्रीमती सुषमा जैन
समाधान - आचार्यश्री के माता-पिता की समाधि हुई, मल्लिसागर जी की और समयमती जी की। आपने पूछा- उस समय उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई? मुझे नहीं मालूम, क्योंकि मैं उस समय उपस्थित नहीं था। लेकिन जैसा मैंने सुना है, मल्लिसागर जी महाराज गुरुदेव के दर्शनार्थ ईसरी में आए थे। गुरुदेव ने उन्हें एक साधु की तरह ही देखा, यह नहीं देखा कि यह मेरे जन्मदाता हैं जो मुनि बनकर आए हैं।
आपने पूछा है कि उस सल्लेखना की घड़ी में उनकी क्या प्रतिक्रिया रही होगी? क्योंकि मैं उस समय प्रत्यक्ष उपस्थित नहीं था और न मैंने। किसी से कुछ प्रतिक्रिया के बारे में सुना, फिर भी आचार्य गुरुदेव को मैंने जितना समझा है उसके हिसाब से मैं केवल यही कह सकता हूँ। कि उनके अन्दर भी यही प्रतिक्रिया होगी, जो एक किसी सामान्य साधक की समाधि से होती है। उनके मन में उतनी ही प्रसन्नता होगी। कि इस जीवन में अपने जीवन के कल्याण का मार्ग खोज लिया है, शायद इससे अधिक प्रतिक्रिया आचार्यश्री के द्वारा तो नहीं हुई होगी।