शंका - महाराज जी! नमोऽस्तु! आचार्यश्री अपने संघ में सिर्फ बाल ब्रह्मचारी बहिनों और भाईयों को ही दीक्षा देते हैं, हम गृहस्थों को दीक्षा नहीं देते। हम गृहस्थ अपना कल्याण कैसे कर सकेंगे ?
- श्रीमती शशि जैन, भोपाल
समाधान - वह कहते हैं, बाल ब्रह्मचारियों की ही इतनी लम्बी लाइन है तो हम इनको क्यों लें। जब फ्रेश माल मिल रहा है तो रिजेक्शन सेल वाले को क्यों अपनाएँ? इसलिए नहीं लेते। वह कहते हैं कि व्रती बनो, मोक्ष-पुरुषार्थ की साधना करो और जीवन के अन्त में सल्लेखना ले लो, बेड़ा पार हो जाएगा।