शंका - महाराज श्री को नमोऽस्तु! महाराज जी! आपने क्या कभी आचार्यश्री को किसी भी धार्मिक क्रिया या किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी मन्त्र की साधना करते हुए देखा है ?
- श्री मनोज जैन, जयपुर
समाधान - हमारे गुरुदेव तो गुरुदेव हैं। (हँसते हुए) मुझे एक बात याद आ रही है, जब एक किसी विशेष निमित्त के लिए उनसे किसी ने कहा- महाराज! इसके लिए किसी मन्त्र की सिद्धि कर ली जाए तो गुरुदेव ने मुझसे कहा कि जिसका स्वयं आचार्य, उपाध्याय व साधु परमेष्ठी में स्थान है, जिसे लोग स्वयं मन्त्र के रूप में जपते हैं, उसे मन्त्र की क्या आवश्यकता है। वह खुद अपने आप में एक मन्त्र हैं। मैंने उन्हें कभी कोई मन्त्र-साधना करते हुए नहीं देखा। मैंने उनको अपने हाथ से माला फेरते भी नहीं देखा। अरे! दुनिया जिसके नाम की माला फेरती है, उसे माला फेरने की क्या जरूरत। उसके तो नजर मात्र से सामने वाला तर जाता है। वह कभी भी किसी भी मन्त्र अनुष्ठान की बात नहीं करते। कुण्डलपुर के महोत्सव की चर्चा मैंने सुबह की थी। मेरे पास सूचना थी कि कुछ लोग इस महोत्सव में खलल डालने के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं, उसके लक्षण भी सामने दिख रहे थे। मैंने गुरुचरणों में जाकर यह बात कही कि महाराज आप आशीर्वाद दें, कुछ साधना बताएँ। उन्होंने एक ही शब्द कहा "चिन्ता मत करो, णमोकार मन्त्र जपो, बड़े बाबा का आयोजन है, बड़े बाबा स्वयं सब ठीक कर देंगे।" उन्होंने कभी किसी को इस तरह से मन्त्र की साधना, सिद्धि करने की प्रेरणा नहीं दी।