गौरझामर से पटना बुजुर्ग की ओर विहार कर रहे थे। कच्चा रास्ता था एक सज्जन से पूछा भैया यहाँ से अब कितना और चलना है। उन्होंने कहा बस महाराज जी एक फलांग और, तब आचार्य श्री जी हँसकर बोले हाँ इनका फलांग तो फोर लॉग (चार गुना) होता है। ये श्रावकगण लोभ के वश अपने गाँव ले जाने के लिए दूरी कम बता देते हैं। इन पर एकदम विश्वास मत किया करो। धूल बहुत थी रास्ता कच्चा था चलने में परेशानी हो रही थी। इससे यह शिक्षा मिलती है कि श्रावक को निर्लोभ होकर साधुओं को सही-सही रास्ता एवं रास्ते की दूरी ज्ञात कराना चाहिए।