गर्भ विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार गर्भ में जीव के मित्र कृमि होती है, वहाँ पर अंधकार ही अंधकार है। गर्भ के दुःख यदि याद आ जायें तो व्यक्ति को तप कष्टदायी महसूस नहीं होगा।