-
Posts
44 -
Joined
-
Last visited
Content Type
Forums
Gallery
Downloads
आलेख - Articles
आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला
विचार सूत्र
प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी
भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी
गुरु प्रसंग
मूकमाटी -The Silent Earth
हिन्दी काव्य
आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम
विशेष पुस्तकें
संयम कीर्ति स्तम्भ
संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता
ग्रन्थ पद्यानुवाद
विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन
आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें
Blogs
Events
Profiles
ऑडियो
Store
Videos Directory
Comments posted by anil jain "rajdhani"
-
-
thanks for sharing, nice recording,
namostu gurdev!
-
thanks,
nice sharing, keep it up
-
THANK YOU VERY MUCH VIDYGURU.COM... FOR MAILING EVERY ACTIVITY TO MY EMAIL ID .
THANKS, ONCE AGAIN.
JAI JINENDRA
ANIL JAIN "RAJDHANI"
-
गृहस्थी की दौड़ में रहते हुए
रन आउट नहीं
रनिंग में रहना है
सावधानी पूर्वक जो रनिंग करता
वो रन आउट नहीं होता
जो सिर्फ दौड़ने में रहता
वो जल्दी रन आउट हो जाता ...
गृहस्थी में हो आप
गृहमंत्री की भी रखनी पड़ती बात
जभी चलता व्रत-नियम
पूजा पाठ ...
इसलिए !
स्वावलंबी रहकर
जितने कर सकते हो अपने भाव
उतने तक मिलता लाभ
व्रत-नियम आदि लेने का
परावलंबी क्रियायों के कारण
यदि छूटता / होता कोई नुकसान
उतने अंश का ही मिलेगा उसका लाभ
जितने अंश में निभाया तुमने
स्वावलंबन के रहते ...
गृहस्थी की गाड़ी चलाते हुए
इतना तो रखना पड़ेगा तुम्हे ध्यान
वर्ना तो रन आउट होकर
नहीं खेल पाओगे पारी लंबी
नहीं खड़ा कर पाओगे
स्कोर बड़ा ....
यानि
बढ़ना है यदि धर्म मार्ग में
कर्म निर्जरा के क्षेत्र में
संयम धारण करके मोक्षमार्ग में
करते रहो रनिंग सावधानी से
वर्ना तो नियम लिया
छूटा / टूटा
हो जाता खेल ख़त्म
आगे बढ़ने का ...
मम गुरवर आचार्यश्री विद्यासागर जी का
मिला मुझे उदघोषण
मेरे जन्मदिन पर
संयोग ही था ये मेरा
जो चार महीने पूर्व में
किया था व्रत अंगीकार
बैठकर गुरुवर के चरणों में
मेरे विकल्पों का उपसंहार मिला
आज के दिन
उनकी देशना में
मिल गया विराम/समाधान
उन सभी विकल्पों को
जिनके कारण मन में थी दुविधा ...
पूर्णतया और ढृढ़ता से
पालन होगा नियम का मेरा
धन्यवाद विद्यागुरु डॉट कॉम
जिनके माध्यम से
मिल गया गुरु का निर्देश
जो संयोग से दिया
मेरे जन्मदिन की तिथि पर
घर बैठे मिल गया समाधान
पाकर प्रवचन अपने ईमेल पर ..
मेरे विकल्पों को
मिल गया निर्देश भी
कभी न करना निदान बंध
न कभी आवे मन में ख्याल ऐसा
किसी के कुछ करने से
हुआ है ये हाल मेरा
कर्मनिर्जरा की बनी रहेगी
तुम्हारी प्रक्रिया
गृहस्थ में रहते हुए भी
बिमारी को जो जान जाता
प्रकृति ने उसके उपचार की भी
दी है साथ में व्यवस्था
इसलिए रखो ध्यान इस बात का
बिमारी का कारण है क्या
जो बनी है ऐसी अवस्था
हर वर्ष मिले गुरुवर की
मुझे प्रत्यक्ष देशना
बनी रहे यूँ ही
मुझपर गुरुकृपा ...
नमोस्तु गुरुवर !
त्रियोग वंदन !!!
अनिल जैन "राजधानी"
समय रहते उपचार मिल जाएगा
प्रकृति से स्वत:...
प्रार्थना यही करता
इस उपहार को पाने के मौके पर
श्रुत संवर्धक
१४.१.२०१९गुरुवर का उपकार रहेगा सदा याद
मेरे आग्रह को करके स्वीकार
कर दिया मेरा विश्वास प्रगाढ़
देकर दर्शन स्वप्न में
मेरे बर्थडे की पूर्व रात्रि में ...
हो गया मैं अनुग्रहित
नहीं ओझल हो रहा वो दृश्य
जहां चलकर मेरे साथ
पहुंचे थे अपने कक्ष में
गुरुवर के चलने में बाधा को
नोट किया था मैंने
दाहिने पैर के घुटने से नीचे
कुछ फुंसी सी दिखी थी मुझे
सो उसके उपचार हेतु
एक दवा थी जो मेरे पास में
लेकर जा रहा था
मानो उनके कक्ष में
नहीं रोका था मुझे किसी ने
उन तक पहुँचने में
बैठे थे वहां
मेरे समधी और बड़े भाई पहले से
जो चल दिए थे उठ के
बिना किसी वार्तालाप किये
गुरुवर से ....
भांप गया था मैं
नहीं दिखा था समर्पण उनका
गुरुवर के प्रति
गुरुवर वैसे भी नहीं करते
सांसारिक बात किसी से ...
दवा लगाने के लिए
इतना जरूर कहाँ ब्रह्मचारी भैया ने
गुरुवर नहीं कराते कोई उपचार
मैंने इतना ही कहा उनसे
दवा तो बाहरी उपचार है
गुरुवर की आँख बचते ही
मैं लगा दूंगा दवा उनके
कुछ यदि कहेंगे तो मुझे ही कहेंगे
मेरे संकल्प को मेरे श्रद्धान को देखकर
मानो आशीर्वाद दिया हो
संकेत से ...
मना नहीं करके
मानो मेरे आग्रह को
स्वीकृति मिल गई थी मुझे
बस, इतने में ही
आँख खुल गई मेरी ...
इसे तो प्रसाद मानता अपने लिए
जो अस्वस्थ अवस्था के होते हुए भी
संग चले थे मेरे , बैठाया पास में
धन्य हो गया मैं , आग्रह करके
वैसे तो अनायास ही
आते रहते गुरुवर मेरे स्वप्न में
पहली बार फलीभूत हुआ
जो आग्रह पर दर्शन दिए
इस प्रकार से ...
प्रार्थना यही ईश्वर से
यदि कोई प्रतिकूलता हो
स्वास्थ्य की गुरुवर को
स्वस्थ होवे जल्दी
उनकी व्याधि बेशक
लग जाए मुझे ...
नमोस्तु गुरुवर !
अनिल जैन "राजधानी"
श्रुत संवर्धक
१२.११.२०१९
आचार्य विद्यासागर चालीसा
In भजन
Posted
ati sundar, shabd sanyojan evn prastutikaran ...namostu guruvar,