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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Mrs.Sukhada A Kothari

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Posts posted by Mrs.Sukhada A Kothari

  1. हे तपोमूर्ति !! हे आराधक !!

    हे जैन सरोवर के राजहंस!!

    इस युग के आराध्य गुरुवर,

    छोटे बाबा,महावीर के लघुनन्दन!!

    प्रणाम आपको कोटी कोटी,

    तव चरणोमेः शतशत् नमन!!

  2. ??*स्वर्णिम दिक्षा महोत्सव*
          *"भाव   - पुष्पांजली"*
                28 June 2017
    --------------??-----------
    *सौ.सुखदाअजितकुमार*
    *कोठारी.गुलबर्गा ,कर्नाटक*
    "नाम है तुम्हारा विद्यासागर,"
    आया स्वर्णिम स्वर्ण दिक्षाजयंती अवसर,
    कब तेरा दर्शन होगा !!
    जिनकी चर्या इतनी सुंदर,
    वो कितना सुंदर होगा--2!!
    हो ?हो ?
    ज्ञान गुरुवर के ये लाडले,
    दिक्षा देके वो भी हर्षे,
    निग्रंथ दिगँबरता कि ये सुरत
    संयम,त्याग,तपस्या की ये मुरत,
    जैनागम के ये वटवृक्ष है,
    संग इनके सारा संघ है!!
    जिनकी शाखाये इतनी सुंदर,
    वो कितना सुंदर होगा!!
    नाम है तेरा विद्यासागर--
    हो हो ?हो हो--
    चतुर्थकालसा आचरण इनका,
    सदा सर्वदा खिलता चेहरा,
    सूरज भी इनके सामने लगे है फिका,
    झुका मस्तक,आशिश का हस्त 
    जिनका आशिश इतना फलता,
    वो कितना फलदायी होगा-2
    नाम है तुम्हारा विद्यासागर--
    हो हो ?हो हो ?
    ना ये मंत्र देते है,ना ही तंत्र विद्या सिखाते,
    बस अपनेमे ही लीन है रहते,
    सबको मोक्षमार्ग दिखलाते!!
    जिसको अपना है कल्याण करना,
    वो इनका दिवाना होगा-2
    नाम है तुम्हारा विद्यासागर---
    हो हो ?हो हो?
    इस पंचम कालमे,आशावादी संसारमे,
    जैनेश्वरी दिक्षा लेकर,
    निर्दोषता से 50 वर्षोंसे पालन करके,चाहते बस इतना ही ये,
    खुद के  साथसाथ औरोंका भी कल्याण हो जाये ,
    जिनका चिंतन इतना सुंदर,
    वो कितना सुंदर होगा!!
    नाम है आपका विद्यासागर--
    हो हो ?हो हो ?
    केवल जैनी ही नही अजैन बंधू भी मानते इन्हे प्रभूवर है,
    जो भी इनकी छत्रछाया मे रहता, वो खुद को सौभाग्यशाली समझता !!
    बस!!एक नजर ही पड जाये गुरुकी,
    धन्य धन्य जीवन होगा--2
    नाम है तुम्हारा विद्यासागर---
    हो हो ?हो हो ?
    इस स्वर्णिम दिक्षा महोत्सव के अवसर पर,
    मेरा ये सौभाग्य होगा,
    रहे आप सदा मेरे हृदय में,
    तभी ये मानव जीवन सार्थक होगा!!
    कोटी कोटी नमन है गुरुदेव को,
    सदा आपकी जयजयकार गुंजती रहे,
    आपके जैसा आदर्श गुरु पाकर,
    जैनधर्म की ध्वजा सदा लहराती रहे!!
    संयम पथ पर चलनेकी शक्ती आपसे मांग रही,
    वीतरागी बनू मै एक दिन,
    सिध्दशिला आवास रहे-2
    देखके आपकी कठीण साधना,
    जैन धर्म को गर्व होगा,
    जिनवाणी माता को भी ,
    आज इस सुपुत्र से नाज होगा!!
    सोचती हुँ आज मै गुरुवर,
    जिनका लाल है इतना सुंदर,
    वो मां जिनवाणी कितनी सुंदर होगी!!-2
    नाम है तुम्हारा विद्यागुरुवर--
    हो हो ?हो हो ?
    Mrs.Sukhada  Kothari.
    ????????

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  3. *मेरे गुरुवर विद्यासागर*
           ----------?------------
    *सौ.सुखदा अजितकुमार कोठारी*गुलबर्गा ,कर्नाटक 

    "मेरे गुरुवर विद्यासागर ,
    का है दिक्षादिन 50 वाँ,
    मनाये अहोभाग्य है मेरा!!
    संयम स्वर्णिम महोत्सव का
    उत्सव अदभूत न्यारा !!-2
    बात पुरानी है,
    त्याग की कहाणी है!!
    ग्राम सदलगा मे जन्मे,
    मल्लप्पा ,श्रीमती के ये लाडले,
    पिलू ,मरी ,विद्याधर ये,
    जाने कितने नाम है प्यारे!!
    विद्याधर से विद्यासागर बनने की कहाणी है-2
    मेरे गुरुवर विद्यासागर ----
    का है दिक्षादिन 50वां ,
    मनाये अहोभाग्य है मेरा---
    ब्रम्हचारी व्रत आचार्य देशभूषणजी से पाया,
    आचार्य ज्ञानसागर से निग्रँथ मुनीव्रत धारा!!
    संयम त्याग तपस्या से ही,
    अपना तन चमकाया,
    रत्नत्रय से ही मनका मैल धुलाया!!
    जिनआगम के रखवाले ये,
    आगमप्रमाण ही आचरण धारा!!
    जाने कितनोके दिलमे समायी इनकी परम दिगंबर छाया !!-2
    मेरे गुरुवर विद्यासागर ---
    का है दिक्षादिन 50 वां,
    मनाये अहोभाग्य है मेरा---
    आजीवन ही चीनी, नमक,हरी,दही तेल को त्यागा,
    ना सुखामेवा,ना भौतिक साधन,
    चटई को भी त्यागा!!
    एक करवट पर करते शयन,
    पहाडों,नदियाँ किनारे या घने जंगल मे करते अपनी साधना,
    चल पडते ये बिना बताये,
    रहते अपनेमेँ मस्त मौला-2
    ऐसे मेरे गुरुवर विद्यासागर ---
    का है दिक्षादिन 50 वां,
    मनाये अहोभाग्य है मेरा--
    जाने कितने लोग तरसते,
    इनकी नजर पानेको,
    जाने कितने दीदी -भैय्या,
    बैठे आस लगाये कि कब ये मौका आये,
    आचार्य भगवन से हम भी पिच्छी कमण्डलु पाये!!
    इतना विशाल,इतना सुंदर है
    ये सँघ निराला,
    आत्मोन्नती कर मोक्षमार्ग का गाते है तराना--2
    मेरे गुरुवर विद्यासागर -
    का है दिक्षादिन 50वाँ,
    मनाये अहोभाग्य है मेरा---2
    गो रक्षा प्रतिपालक,जीवदया के सागर,मानव जीवन के उध्दारक,करुणा के धारक,
    चा़द और सूरज भी जिनके आगे लगते है फिके -फिके,
    ऐसे तेजपुँःज चलते फिरते ,साक्षात तीर्थंकर के लघुनन्दन संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी के चरणोमे सदा सदा ही कोटी कोटी वन्दन,कोटी कोटी वन्दन!!??????
          *नमोस्तु गुरुदेव*
    Mrs.Sukhada  kothari.
    ?????????????

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