Nirmala sanghi
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संस्मरण Reviews posted by Nirmala sanghi
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मन के बाजार को रोककर मन को भीतर ही मोड़ना होगा हमको यही भावना करते हो।
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मन के बाजार को रोककर मन को भीतर ही मोड़ना होगा हमको यही भावना करते हो।
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ऐसी भावना है हमारी के हम भी त्यागी बनने की ओर प्रवृत्ति करें।
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जय जिनेंद्र
सभीभावनाएं दिल को छूती है हमारा भी वह दिन कब आएगा जब हम कर्म निर्जरा की ओर अग्रसर हो सके
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ऐसी अंतरंगता के दर्शन हमें भी उपलब्धि प्राप्त हो जाएं यही भावना करते हैं।
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इस दुखमा काल में सुख कहा
सुखतो मिलेगा मुनि बनकर
हम भी इस पथ पर अग्रसर हो सके
समाधिमरण हमारा भी हो सके इसी भावना के साथ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के चरणो में नमोस्तु पूज्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के चरणो में कोटि कोटि नमन
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मंगल भावना
जानकरबहुत अच्छा लगा
आचार्य श्री ने जो बताया कि
श्री
ज्ञानसागर जी महाराज किस तरह से सभी को मंगल आशीर्वाद दिया करते थे ।
नमोअरिहंताणं
नमोअरहंताणं
नमोअरूहंताणं
आपसी कषाय से बचें
In दिशा बोध
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हम भी व्यक्ति दूसरों पर गुस्सा करते रहते हैं और सोचते हैं कि सामने वाले ने हमें गुस्सा दिलाया अब हमें बदलना होगा अपने आप को किसी भी दूसरे को दोषी ना माने मैं अंतर में झांकी ऐसा परिवर्तन करना ही होगा हमें।