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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Madhu Sudhan

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  1. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर में प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के संलेखना पूर्वक समाधि-मरण पर विनयांजली एवं गुणानुवाद सभा सांगानेर, 25 फरवरी, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर में आज दोपहर 1.15 बजे, प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के संलेखना पूर्वक समाधि-मरण पर विनयांजली एवं गुणानुवाद सभा रखी गई जिसमें उपस्थित साधर्मी बन्धुओं ने आचार्यश्री के सानिध्य में बिताये अविस्मरणीय क्षणों को अश्रुपूरित एवं अवरूद्ध कंठों से सभा में सुनाया। जिनमें मन्दिर संघीजी के मानदमंत्री श्री नरेन्द्र पाण्ड्या बताया कि हम रामटेक से गोंदिया विहार में आचार्यश्री के साथ विहार में चले और जो चर्चा आचार्यश्री से हुई वह आज भी हमारे दिलो दिमाग में जीवंत है, उनके चरण छूने से जो उर्जा प्राप्त हुई वह अकल्पनीय है। मन्दिरजी के अध्यक्ष श्री महावीर जैन ने बताया कि जब हम सांगानेर में बालिका छात्रावास खोलने का आशीर्वाद लेने आचार्य श्री के पास गये तो इतने गूढ और ज्ञानवर्धक सुझाव आचार्यश्री ने दिये जिनके अनुसार ही हम आज सांगानेर में बालिका छात्रावास का संचालन करने में सक्षम हुये। संयुक्तमंत्री श्री संजय छाबडा ने आचार्यश्री की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये बताया कि आचार्यश्री को युग शिरोमणी क्यों कहते है क्योंकि पूरे भारत में वे ही एक एसे संत है जिन्होने सबसे ज्यादा दीक्षा दी है, इनका पूरा संघ बाल ब्रहमचारी है, पूरे परिवार ने दीक्षा लेकर संयम का रास्ता अपनाया है, आचार्यश्री के सानिध्य में लगभग 70-80 समाधियां हो चुकी है, आचार्यश्री के अनगिनत त्याग है जिनकी लिस्ट काफी लम्बी है, सैकडों मन्दिरों का जीर्णोद्धार करवाया, लोकोपकारी कार्यो में कई जगह गौशालाऐं, आर्युवेदिक अस्पताल, पाठशालायें, छात्रावास आदि संचालित करवाये। सम्पूर्ण देश में हर जाति समुदाय में विशेष आदर और भक्ति पाने वाले अनुपम संत थे, ऐसे अद्वितीय ज्ञान तप धर्म की प्रेरणा देने वाले मोक्षधारी संत के चरणों में कोटि-कोटि बार चरण वंदन करते है। आदिनाथ महिला मण्डल, आ.विद्यासागर बहुमण्डल की सदस्याओं ने कविताओं के माध्यम से आचार्यश्री का गुणानुवाद किया। सभी ने आचार्यश्री की सामूहिक आरती की, तत्पश्चात दो मिनट का मौन एवं णमोकार मंत्र का जाप कर सभी ने अपनी अश्रुपूरित विनयांजली दी। महावीरप्रसाद बज (अध्यक्ष) नरेन्द्र पाण्ड्या (मानदमंत्री) प्रबन्ध कारिणी कमेटी, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर, जयपुर
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