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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Rajesh Kumar Jain London

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  1. राजेश कुमार जैन पत्नी श्रीमती मीता जैन पुत्री अनन्या जैन पुत्र अरिहंत जैन (१) हम सभी को १४, १५ और १६ दिसंबर २०२३ को तिल्दा नेवरा, छत्तीसगढ़ में आचार्य श्री के अंतिम बार दर्शन करने का सौभाग्य मिला। (२) १६ दिसंबर को मुझे और मीता को आचार्यश्री को आहार देने का और उसके बाद आचार्यश्री ससंघ के साथ विहार में १० किलोमीटर चलने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। (३) संयोग से तिल्दा नेवरा के पाँच कल्याणक आचार्य श्री के सानिध्य में संपन्न होने वाले अंतिम पाँच कल्याणक रहे और मुझे परिवार सहित इन पाँच कल्याणक में सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला। (४) इसके पहले आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में कुंडलपुर मध्य प्रदेश में फ़रवरी २०२२ में संपन्न होने वाले पाँच कल्याणक में भी मुझे सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला था। वहाँ से “हैरो, लंदन” के जिनालय में स्थापित होने हेतु, ५ जिन बिंब (शांति नाथ, संभव नाथ, सुमति नाथ, विमल नाथ और अरनाथ) की प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ मुझे आचार्य श्री के चरण छूकर आशीर्वाद भी मिला। हैरो के शांतिनाथ जिनालय की वेदी प्रतिष्ठा १९, २० और २१ अप्रैल २०२४ को हो रही हैं। (५) २०१८ के खजुराहो चातुर्मास के दौरान मुझे परिवार सहित पाँच दिन आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में रहने का सौभाग्य मिला। यहाँ आचार्य श्री की वैयावृत्ति और आचार्य श्री को आहार देने का भी सौभाग्य मिला। यहाँ मम्मी पापा ने ३० दिन लगातार चौका लगाया और ३० वें दिन उस चौके में आचार्य श्री के आहार भी हुए। (६) २० नवंबर २०२२ को नेमगिरी जिन्तूर में आचार्य श्री के सानिध्य में हुए बच्चों के उपनयन संस्कार में सौभाग्य से मेरे पुत्र अरिहंत जैन का मूल विधि संस्कार आचार्य श्री ने किया। (७) २०१९ या २०२० में जब आचार्य श्री का विहार इंदौर की तरफ़ चल रहा था, तब उनके साथ विहार में चलने का भी सौभाग्य मिला।
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