श्रमण संस्कृति के सूर्य !
ऐसे युगदृष्टा शताब्दियों, सहस्राब्दियों में कभी कभार जन्म लेते हैं...
उनके विचार सदैव प्रकाश स्तंभ बनकर हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
समाधि नमन नमन नमन 🙏🙏🙏🙏🙏
आज हमारी ऑंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। क्या बोले हम गुरु जी बारे में, हमारे पास तो शब्द नहीं हैं। बस इतना ही बोलेंगे की *सूर्य अस्त हो गया , अंधेरा छा गया जैन समाज में, शरद पूर्णिमा का चांद, रोशनी ले गया अपने साथ में।* 🙇♀️✨🙏 नमोऽस्तु आचार्य श्री नमोऽस्तु 🙏✨🙇♀️😭
श्रमण संस्कृति के सूर्य ! को शत शत नमन
In नमोस्तु गुरुवर
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आज हमारी ऑंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। क्या बोले हम गुरु जी बारे में, हमारे पास तो शब्द नहीं हैं। बस इतना ही बोलेंगे की *सूर्य अस्त हो गया , अंधेरा छा गया जैन समाज में, शरद पूर्णिमा का चांद, रोशनी ले गया अपने साथ में।* 🙇♀️✨🙏 नमोऽस्तु आचार्य श्री नमोऽस्तु 🙏✨🙇♀️😭