Report चाँद को देखूँ - आचार्य विद्यासागर जी द्वारा रचित हायकू ८ In आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा हायकू छन्द और आपकी समझ A group blog by टीम विद्यासागर डॉट गुरु in General Posted September 17, 2017 · Edited September 17, 2017 by Amit Jain Ranchi चाँद ताराओं और नक्षत्रों द्वारा घिरा रहता है अर्थात गृहस्थों की तरह परिवार से घिरा रहता है। पर सुुर्य संत की तरह अकेला रहता है।
चाँद को देखूँ - आचार्य विद्यासागर जी द्वारा रचित हायकू ८
In आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा हायकू छन्द और आपकी समझ
A group blog by टीम विद्यासागर डॉट गुरु in General
Posted · Edited by Amit Jain Ranchi
चाँद ताराओं और नक्षत्रों द्वारा घिरा रहता है अर्थात गृहस्थों की तरह परिवार से घिरा रहता है। पर सुुर्य संत की तरह अकेला रहता है।