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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. #मेरे_नयनों_में_बसी_है_तव_मूरत इन नयनों ने आज तक कितनो को देखा होगा। कितनों को निहारा होगा लेकिन जीवन मे आज तक कोई आपसा नही मिला।। मेरे ये नयन आपको कितनी बार भी देखे, कितना ही देखे... अतृप्त ही रहते है। मन करता है कि एक बार और निहार लूँ एक बार और निरख लूँ अपने चित्त में बसी इस चैतन्य मूरत को। जानते है क्यों क्योंकि इन नयनों ने जबसे आपको देखा है तबसे किसी और को देखना भी इन्हें अच्छा नही लगता....!! मेरे गुरूवर आप ऐसे ही सदा मेरे इन नयनों में बसे रहना ताकि ये सदा आपको ही निरखते रहे...गुरुवर के चरणों में शत शत नमन नमन नमन नमन नमन नमन नमन नमन
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