आज विदेशी भाषा हावी होती जा रही है अपनी राष्ट्रभाषा को पीछे धकेल दिया है। अंग्रेजी को जानने वाले गिनती के हैं परन्तु उसे ही हर काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। न्याय के क्षेत्र में भी इस भाषा के कारण जनता को परेशानी हो रही है। भारत को अपनी भाषा के प्रति गंभीर होना पड़ेगा तभी हम सही न्याय कर पाएँगे। राष्ट्र की सभी स्थानीय भाषाओं का उपयोग अंग्रेजी के स्थान पर होना चाहिए। मध्यप्रदेश हिन्दी को मजबूत करने के लिए तत्पर है परन्तु सम्पूर्ण भारत में इसके लिए अभियान चलाना चाहिए।
-२ अक्टूबर २०१६, भोपाल