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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • प्रलय का लक्षण

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    भारत ने कितने कत्लखाने खोल लिये, इन कत्लखानों में प्रतिदिन कितना खून हो रहा है, कितनी गायें कट रही हैं, मांस का निर्यात हो रहा है, सरकार विदेशी मुद्रा की लालच में अपनी पशु सम्पदा का विनाश कर रही है। इन पशुओं के कटने से प्रकृति असन्तुलित हो रही है, प्रकृति के प्रकोप बढ़ रहे हैं, लेकिन हमने अपने स्वार्थ के लिये यह सब अनदेखा कर दिया है, मात्र अर्थ के लिए हम अपनी प्रकृति का विनाश कर रहे हैं, परमार्थ की हमने अथीं निकाल दी है। जिस परमार्थ के लिये यह जीवन था उसी परमार्थ की आज अथीं बन गई है। याद रखो! परमार्थ की अथी बनना ही प्रलय का लक्षण है। आज हम प्रलय के निकट हैं, किस वक्त हमारे ऊपर प्रलय का प्रहार हो जावे यह कहना अनिश्चित है।

     

    भारत की आजादी के उपरान्त भारत में गाय-बैलों के कत्ल की रफतार तेजी से बढ़ गयी है। भारत में पशुओं का कत्ल करके उनके मांस को बेचकर विदेशी मुद्रा कमाने की अवैध नीति अपनाकर कृषि प्रधान देश के धवल माथे पर कलंक की काली बिन्दी लगा दी, जो भारत के लिए अभिशाप है।

    -१९९७, नेमावर


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    भारत की आजादी के उपरान्त भारत में गाय-बैलों के कत्ल की रफतार तेजी से बढ़ गयी है। भारत में पशुओं का कत्ल करके उनके मांस को बेचकर विदेशी मुद्रा कमाने की अवैध नीति अपनाकर कृषि प्रधान देश के धवल माथे पर कलंक की काली बिन्दी लगा दी, जो भारत के लिए अभिशाप है।

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