Mrs Amita jain 2 Posted August 8, 2018 Report Share जय जय गुरुदेव शीर्षक : हमेशा पुरूषार्थ करना आचार्य भगवन ने कहा है कि व्यक्ति को हमेशा पुरुषार्थ करते रहना चाहिए।यदि आप किसी बात का दृण संकल्प कर लेते है तो आप उस कार्य को पूरा कर सकते है ।जैसे मछली ने संकल्प कर लिया कि मुझे तो ऊपर जाना है चाहे कितनी भी मुश्किले आये और इस संकल्प के कारण वह बििना पैरो के भी बारिश केे पानी के तेज प्रवाह के बाद भी ऊपर चढ़ जाती है झरने के साथ नीचे नही गिरती ।उसी प्रकार मनुुुष्य भी किसी बात का मन मे संकल्प करें तो वह उसे पूरा कर सकता है। Link to comment Share on other sites More sharing options...
Nirmala sanghi 4 Posted August 8, 2018 Report Share जय जिनेंद्र अहिंसापरमो धर्म की जय मेरेगुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की जय जय जय शीर्षक:- पतित से पावन बनाने की कला आचार्यभगवन कहते हैं कि हम पर आश्रित नहीं बनै।जगाएं अपने आत्म पुरुषार्थ को जैसे कुंडलपुर के बरसाती झरने में एक मछली बिन पैरों के भी झरने का सहारा लेकर दौड़ रही थी सरपट ऊपर । तोहमें भी जितना धन मिला है हम उसे संग्रहित न करके पहुंचा दे ऊपर । एकसमय में सिद्धालय में पहुंच जाते हैं । हम भी अपनी आवश्यकता को पूरी कर थोड़ा सा जोर लगाकर अपना धन पहुंचा दे ऊपर यानी दान दक्षिणा में। तप और त्याग की शक्तियों से अपने पुरुषार्थ को जगाएं । उत्साहको आगे बढ़ाएं। अपनी शक्ति को संग्रहित करें । तभी हम पतित से पावन बन सकते हैं और हमारा विकास अवश्य होगा। बलवती शक्ति के लक्षण होते हुए भी मछली के समान आतम पुरुषार्थ कर सिद्धालय पहुंचना ही होगा। गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज की जय। Link to comment Share on other sites More sharing options...
Jain devender 0 Posted August 10, 2018 Report Share Namoasthu guruwar Link to comment Share on other sites More sharing options...
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