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आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थावस्था के ज्येष्ठ भ्राता श्री महावीर जी जैन अष्टगे ने आज शिरपुर जैन, जिला वाशिम, महाराष्ट्र में आचार्यश्री से श्रावकों की सातवी ब्रह्मचर्य प्रतिमा के व्रत ग्रहण किए। अब आचार्यश्री के गृहस्थावस्था के सभी परिवारजन मोक्षमार्ग पर आरूढ़ हो गए 🙏🏽🙂
⛳ब्रह्मचर्य प्रतिमा का संकल्प
मन, वचन, काय एवं कृत, कारित, अनुमोदना से जो श्रावक मैथुन का त्याग करते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य प्रतिमाधारी श्रावक कहते हैं। ब्रह्मचर्याणु व्रत में स्व स्त्री से सम्बन्ध रहता है किन्तु ब्रह्मचर्य प्रतिमा में स्व स्त्री से भी विरत हो जाते हैं।
आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थावस्था के ज्येष्ठ भ्राता श्री महावीर जी जैन अष्टगे ने आज शिरपुर जैन, जिला वाशिम, महाराष्ट्र में आचार्यश्री से श्रावकों की सातवी ब्रह्मचर्य प्रतिमा के व्रत ग्रहण किए। अब आचार्यश्री के गृहस्थावस्था के सभी परिवारजन मोक्षमार्ग पर आरूढ़ हो गए 🙏🏽🙂
⛳ब्रह्मचर्य प्रतिमा का संकल्प
मन, वचन, काय एवं कृत, कारित, अनुमोदना से जो श्रावक मैथुन का त्याग करते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य प्रतिमाधारी श्रावक कहते हैं। ब्रह्मचर्याणु व्रत में स्व स्त्री से सम्बन्ध रहता है किन्तु ब्रह्मचर्य प्रतिमा में स्व स्त्री से भी विरत हो जाते हैं।
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