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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

आचार्य भगवन संत शिरोमणि श्री 108 विद्या सागर जी महाराज के चरणों मे सादर नमोस्तु


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आचार्य श्री विद्या सागर जी के चरणों मे एक कवि ने बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ प्रस्तुत की है 

पंचमकाल भी भाग्य पर अपने मन ही मन इतराता है,वृहद हिमालय अपनी गोद में पा हर्षित हो जाता है ।

चट्टानों पर पांव धरे तो पुष्प वहाँ खिल जाते है ,मरुथल में विहार करे तो नीरकुण्ड मिल जाते है ।

चरण धुली जिनकी पाने को अम्बर तक झुक जाता हो,सिद्ध शिला पर बैठे प्रभु से जिनका सीधा नाता हो ।

वर्तमान के वर्धमान की छवि मैं जिनमे पाता हूं ऐसे गुरु विद्यासागर को अपना शीश नवाता हूं ।

नमनकर्ता :

अभय जैन अम्बाला सिटी हरियाणा

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Edited by Abhay Jain Ambala
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आचार्य गुरुवर संत शिरोमणि श्री 108 विद्या सागर जी ऋषिराज के ससंघ चरणों मे संयम स्वर्ण महोत्सव के पावन अवसर पर सादर नमोस्तु ।
 

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