ArjavJain Posted February 25 Report Share Posted February 25 अचार्यश्री सदैव रहेंगे जीवंत, वे हमारे दिल में हैं, उनका जीवन ही समयसार था, और अब उनके आदेशानुसार समसार ही करेंगे संघ का संचालन, उनके द्वारा रचित मूकमाटी ग्रन्थ, जिस पर अब तक 52 से भी अधिक PHD.भी हो चुकीं है, में उन्होने बहत पहले आत्मा के एकत्व भाव का रहस्य उजागर कर दीया था और अन्त तक वही जीवन उन्होंने जीया! वही उन्होंने हथकरघा, प्रतिभास्थली, गौशालय, शांतिधारा जैसे अनेकों उपकार इस देश पर करें जिससे वह हमें जीवंत रहेंगे और इंडिया नही भारत बोलो के नारे को सार्थक करने में भी आचार्य श्री बहुत बड़ा प्रयास रहा। इस प्रकार के उद्गगार श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, शालीमार एनक्लेव, कमला नगर, आगरा मे आयोजित विनयांजली सभा में वक्ताओं ने कीये! इस अवसर पर गुरु गुणानुवाद एवं विनयांजलि सभा का संचालन श्री अनिल जी जैन कागज वालो ने किया जिसमें श्री अनिल जैन अहिंसा, सुभाष चन्द जी जैन, श्यामा बाबू जैन, ए बी जैन, अजय जैन, अनंत जैन, कविता जैन, अंकेश जैन, शुभम जैन इत्यादि सभी ने गुणानुवाद एवं आचार्य श्री के संस्मरणों को याद किया एवं इस अवसर पर मंदिर व्यवस्था समिति से श्री श्याम बाबू जैन, रूप जैन, अजय जैन, अनिल जैन अहिंसा, महिला मंडलों से कविता जैन, नलिनी जैन, कल्पना जैन, कमला जैन, आभा जैन, मनीषा जैन, अंकेश जैन, शुभम जैन, प्रशांत जैन, आर्जव जैन, राकेश जैन, मनोज जैन सहित समस्त शालीमार जैन मंदिर परिवार मौजूद रहा। इस अवसर पर तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी, डोंगरगढ़ में शालीमार जैन मंदिर आगरा से प्रतिनिधि के रूप में श्री संजू गोधा, मुकेश जी रपरिया, शैलेंद्र जी रपरिया भी उपस्थित रहे। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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