KUMARI PRIYANKA JAIN Posted February 19 Report Share Posted February 19 (edited) मैने ज़ब पहली बार आचार्य श्री के दर्शन किये नेमावर में महाराज जी को खिड़की से देखा तप में लीन थे ऐसा लग रहा महाराज जी के चारों तरफ तेज दिव्य रोशनी स्पष्ट रूप से दिख रही थीं या आभा मंडल या तप का तेज कुछ भी कहो नजर हट ही नहीं रही थीं पहली बार प्रभु अरिहंत दर्शन किये फिर दूसरी बार दर्शन सिद्धवर कूट में किये वहाँ गुरूजी पूजा गुरूजी देशना और आहार चर्या और सभी मुनिराज शिष्यों को स्वाध्याय करवा रहे थे और विहार में सम्मलित होने का भी लाभ मिला और आचार्य श्री भगवान जी के पावन चरणों का गंधोदक का भी लाभ मिला लगातार 3 दिन तक महाराज जी का दर्शन लाभ मिला फिर तीसरी बार परम पूज्य के दर्शन 2021 में किये अरिहंत भगवान ने आचार्य श्री विद्या सागर महा मुनिराज जी मुझे देख कर हाथ उठा कर आशीर्वाद दिया जो बहुत दुर्लभ होता हैं 🙏🏻फिर चौथी बार दर्शन कुंड़लपुर में किये जहाँ बहुत सारे मुनिराज सहित आचार्य श्री विद्या सागर महा मुनिराज या अरिहंत भगवान के समोशरण में भगवान की देशना सुनने का लाभ मिला 🙏🏻🙏🏻🙏🏻18 फ़रवरी को महाराज जी का मोक्ष कल्याणक हुआ पर अब साक्षात् दर्शन लाभ नहीं होगा पर महा मुनिराज जी की एक एक स्मृति दिल में रहेगी 🙏🏻🙏🏻दिल को अंदर से बहुत धक्का लगा 18 फ़रवरी को निर्जला व्रत रखा था इच्छा मेरी थीं काश आचार्य श्री के सामने मेरे प्राण निकलते 🙏🏻मेरे पास न बुद्धि न शब्द न ज्ञान 🙏🏻🙏🏻🪷🪷🙏🏻🙏🏻नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु परम पूज्य आचार्य श्री विद्या सागर महा मुनिराज जी पावन चरणों में अनंत बार नमोस्तु 🙏🏻🙏🏻 Edited February 19 by KUMARI PRIYANKA JAIN Link to comment Share on other sites More sharing options...
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