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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

नमोस्तु गुरुवर 🙏🏻 ।


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 🙏🏻आप सभी को मेरा सादर जय जिनेंद्र 

कही बाते होती है जो कुछ instance पर वापस यादों से बाहर आ जाती है यथास्वरूप।


बचपन से परोक्ष रूप से मैने आचार्य गुरुदेव के दर्शन तो किए है परंतु साक्षात रूप में दर्शन करने का सौभाग्य 2020 में इंदौर में हुए चातुर्मास के दौरान विहार करते हुए हुआ । जब में शायद आठवीं कक्षा की परीक्षा दे रहा था । उनको देखने मात्र के लिए जनसैलाब खड़ा था , मंदिर से जाते समय मैने उनके चरणस्पर्श किए उस समय एक व्यक्ति ने मुझे बोला था की एकदम से नहीं छूना चाहिए गिरने का डर रहता है और समय भावो से मैने गुरुदेव से क्षमा तो मांगी पर एक बात मुझे मोह गई वो था चलते समय उनका आभामंडल व उनके मुख का तेज।

कई बार फिर शुद्धि पर से आने के बाद भी दर्शन हुए है ।

इस पोस्ट के माध्यम से में आप सभी (समस्त समुदाय)से कुछ गुजारिश करना चाहूंगा ।

1. कृपया कर मेरी जैसी young generation को धर्म के प्रति जागृत करे दबाव से नही अच्छे भावो से ज्ञान का बोध कराकर ।
2. आचार्य श्री द्वारा चलाए गए हर एक कार्यों को बढ़ावा देना ।
3. आचार्य श्री के गुणों का चिंतन मनन हम सभी हमेशा करते रहे यह भावना भाना है 
4. ऐसा नहीं हो की लोग उनकी मूर्ति बनाकर बस समय समय पर याद करकर भूल न जाए ।

5. जिन धर्म (श्रमण संस्कृति ) की प्रभावना ।
6. हमे जागरूक होना पड़ेगा अपने मंदिरों के प्रति जिन्हे जबरदस्ती बदला गया , प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रति पूरे (समूचे) समाज को एक होना होगा ।
7. दोनो पंथों को एक दूसरे का आदर करना होगा और जो इसमें जान बूझकर कटुता फैलाए उनके प्रति action लेना होगा। क्योंकि जब तक हमे ही हमारे इतिहास और तत्वों का बोध नहीं होगा तब तक सोशल मीडिया पर लोग इस snaskriti को मात्र लोगो से ही जोड़ेंगे की मेरे दोस्त जैन है pr tb bhi macchar mar rha h aalo kha rha h ।
8. आप नहीं त्याग कर सकते पर प्रायश्चित की भावना से कभी तो छोड़ पाएंगे न!


कई बाते है जो हम सभी को मालूम है की केसे हमें जिन धर्म के मार्ग पर प्रशस्त रहना (गुरुदेव ने हमे पथ बतला दिया है।

हमें कुछ लोगो की अवधारणाओं को तोड़ना पड़ेगा जो सिर्फ दिखावा मात्र करते है (हम भी त्रुटि करते पर हमको एक होकर इस पताका  को आगे बढ़ाना है)

कृपया कर इन बातो को ध्यान रखे क्योंकि हमें ही लौकिक संसार में भी धर्म के प्रति जागरूक करना है ।

मेरे द्वारा कुछ गलती हुई हो उसके लिए में आप सभी से क्षमप्रार्थी हूं उत्तम क्षमा भाव 🙏🏻

गुरदेव की जय हो और वह मोक्ष मार्ग पर अग्रसर रहे ।
ॐ नमः सिद्धेभय ।। 

Edited by BhavyaJain17
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