HARSH SINGHAI Posted January 25, 2023 Report Share Posted January 25, 2023 *परम पूज्य मुनि श्री 108 विमलसागर* *जी महाराज* *पूर्व का नाम* बा.ब्र. श्री ब्रजेश जी जैन : *जन्म* 15.04.1975मंगल चैत्रकृष्ण 4 बरोदिया कलां जिला-सागर (म.प्र.) (बाद में ललितपुर) (उ.प्र.) *शिक्षा*: बारहवीं, शास्त्री (प्रथम वर्ष) *ब्रह्मचर्य व्रत* :28.04.1998 भाग्योदय तीर्थ सागर (म.प्र.) *मुनि दीक्षा*:22.04.1999 गुरुवार वैशाख शुक्ल 7 नेमावर (म.प्र.) *दीक्षा प्रदाता :परम पूज्य* आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज *विशेष* आप निर्यापक मुनि श्री 108सुधासागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन की मौसी के लड़के हैं एवं आर्यिका श्री 105 अनुगममति माता जी आपकी चचेरी बहिन है। *परम पूज्य मुनि श्री १०८ अनंत सागर* *जी महाराज* *पूर्व का नाम* बा.ब्र. श्री मनोज जी जैन (मोदी) *जन्म* 28.04.1971 ललितपुर) (उ.प्र.) *शिक्षा*: हाई स्कूल *ब्रह्मचर्य व्रत* :28.04.1998 भाग्योदय तीर्थ सागर (म.प्र.) *मुनि दीक्षा*:22.04.1999 गुरुवार वैशाख शुक्ल 7 श्री दिगम्बर जैन सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर जी तह. खातेगांव जिला-देवास (म.प्र.) *दीक्षा प्रदाता :परम पूज्य* आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज *विशेष* आपके गृहस्थ जीवन के भाई मुनि श्री १०८ भावसागर जी महाराज एवं भतीजे क्षु,श्री तन्मय सागर जी महाराज हैं जो आपके ही गुरू से दीक्षित हैं। *परम पूज्य मुनि श्री १०८ धर्म सागर* *जी महाराज* *पूर्व का नाम* बा.ब्र. श्री पंकज जी जैन *जन्म* 09.07.1976 ललितपुर) (उ.प्र.) *शिक्षा*: बीएससी (बायो) एमए. (प्री) *ब्रह्मचर्य व्रत* :16.09.1997 नेमावर(म.प्र.) *मुनि दीक्षा*:22.04.1999 गुरुवार वैशाख शुक्ल 7 श्री दिगम्बर जैन सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर जी तह. खातेगांव जिला-देवास (म.प्र.) *दीक्षा प्रदाता :परम पूज्य* आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज *परम पूज्य मुनि श्री १०८ भाव सागर* *जी महाराज* *पूर्व का नाम* बा.ब्र. श्री मनीष जी जैन (मोदी) *जन्म* 28.07.1976 ललितपुर) (उ.प्र.) *शिक्षा*: बीए रेडियो, टीवी कोर्स *ब्रह्मचर्य व्रत* :23.08.2001 दयोदय तीर्थ जबलपुर (म.प्र.) *मुनि दीक्षा*:21.08.2004 शनिवार द्वितीय श्रावण शुक्ल छठ जबलपुर (मध्य प्रदेश) *दीक्षा प्रदाता :परम पूज्य* आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज *विशेष* आपके गृहस्थ जीवन के भाई मुनि श्री १०८ अनंत सागर जी महाराज एवं भतीजे क्षु,श्री तन्मय सागर जी महाराज हैं जो आपके ही गुरू से दीक्षित हैं। Link to comment Share on other sites More sharing options...
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