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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

गुरुदेव कैसे और क्या करूँ मैं अर्पित? कर रही हूँ , फिर भी 4 पंक्तियाँ समर्पित।।


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भले बुरे की पहचान कराते है आप, 

सच्चे सुख की परिभाषा हैं आप, 

माता- पिता की मूरत है आप , 

इस युग में भगवान की सूरत है आप।। 

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गुरुदेव तो कण कण में समाये है

गुरुदेव तो पूरे विश्व में छाये है

कैसे और कहाँ ढूंढू उन्हें? 

वह तो साक्षात् अरिहंत कहलाएँ है।।

 

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रोशनी बनकर आये हो जिंदगी में, 
ऐसे दीप को हम नमन करते है, 
ज़मीन से आसमां तक पहुचाने वाले
 गुरु को हम शत शत प्रणाम करते है।।

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गुरु की बात पर ध्यान देकर तो देखिये, 
वो  हमे ज्ञान  देंगे, 
गुरु को सम्मान देकर तो देखिये
वो हमे ऊँची उड़ान देंगे।। 
 

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सोंप लो हाथ हमारा गुरुवर 

जगत में भीड़ भारी है, 

हमे और कहीं जाने की ज़रूरत ही कहाँ, 

क्यूकी हमें आपकी ही शरण प्यारी है। 

 

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आपसे से सीखा, आपसे ही जाना, 

आपको ही हमने दुनिया है माना, 

जब से गुरुवर ने हाथ है थामा, 

जीवन की सरलता को तब है पहचाना।।।

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  • 2 weeks later...

गुरु ने अहम को त्यागना बताया

दान व त्याग का महत्व समझाया, 

किन शब्दों में कहें शुक्रिया??... 

गुरु ने ही तो हमें सबकुछ सिखाया।।। 

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