Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Dilip jain Shivpuri

Recommended Posts

#गुरु_आज्ञा_और_संकोच*

26f3.png _*भूमिका- गुरु अपने शिष्यों को कब कौन सी शिक्षा दें दें यह कोई जान नहीं सकता है। आचार्य श्री जी किस समय सभी साधकों को नई दिशा दे दें, कौन-सा रहस्य बता दे, इसका पता नहीं। इसलिए गुरु की संगति हरक्षण हमें एक नई दिशाबोध पाने की ओर लालायित रखती है। वह कैसे?*_

2604.png _*प्रसंग- बीना बारहा से सागर की ओर बिहार चल रहा था। 15 अप्रैल 1998 बुधवार।* देवरी से बिहार हुआ और गोपालपुरा ग्राम के विश्राम गृह में विश्राम हुआ।_
_प्रतिक्रमण आदि करके सामायिक के पूर्व आचार्य श्री की वैयावृत्ति हेतु मैंने और दो ब्रहमचारी जी ने आचार्य श्री से निवेदन किया। आचार्य श्री ने मौन स्वीकृति दे दी, हम लोगों ने वैयावृत्ति प्रारंभ कर दी।_
_थोड़ी देर बाद धीरे से बोले- *"अब तो 'ये' बहुत वैयावृत्ति कराने लगा है।"*_

_मैंने आश्चर्य की दृष्टि से आचार्य श्री को देखा और सहज् पूछ बैठा- *"कौन कराने लगा?"*_
_आचार्य श्री बोले- *"अरे! कौन कराएगा। यह 'शरीर' कराने लगा है और बहुत सेवा कराने की भावना रखता है। अरे! महाराजजी (आचार्य श्री ज्ञानसागर जी) वृद्ध थे, 80 वर्ष की आयु, परंतु इतनी सेवा नहीं कराते थे।"*_

_तभी मैंने कहा- *"आप तो थे, आप वैयावृत्ति तो करते होंगे।"*_

_आचार्य श्री बोले- *"करता तो था, लेकिन वह अधिक कराते कहाँ थे! वह अपना समय ध्यान-अध्ययन में लगाते, थोड़ी बहुत करा लेते थे, और धीरे से कह देते थे कि जाओ, स्वाध्याय अध्ययन करो। बहुत से लोग आते हैं।"*_

*"आप इतने मान जाते थे?"* मैंने कहा।

_*"अरे भैया! डर भी तो लगता था। एक बार मना कर दिया तो फिर दूसरी बार आग्रह करने की हिम्मत नहीं होती थी। तुम लोगों जैसी जबरदस्ती तो हम कर नहीं सकते थे। महाराज ने एक बार मना कर दिया तो फिर आग्रह नहीं कर सकता था। तो हमारी वैयावृत्ति आदि सब छूट गई"*_

_इतना कहकर के आचार्य श्री उठ गए। सामायिक करने के लिए आवर्त करने लगे।_

*ज्ञान सिंधु की याद कर, विद्या गुरु भये लीन।*
*हर-पल हर-क्षण ध्यान कर, होते आतम लीन।।*

1f6a9.png? *सद्गुरु के प्रसंग बने जीवन की अंग* 
270d_1f3fb.png✍?मुनि श्री अजितसागर जी महाराज 
प्रस्तुति- दिलीप जैन शिवपुरी- 9425488836

Link to comment
Share on other sites

×
×
  • Create New...